Latehar : झारखंड के DGP अनुराग गुप्ता और IG ऑपरेशन अमोल वेणुकांत होमकर से मिली खुली छूट के बाद लातेहार के पुलिस कप्तान कुमार गौरव फुल एक्शन मोड में हैं। उनकी देखरेख में सुरक्षाबलों के जवानों का भी हौसला बुलंद है। 24 मई को भोरे-भोर JJMP सुप्रीमो पप्पू लोहरा और प्रभात लोहरा को मार गिराने के बाद बीती देर रात सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच फिर से मुठभेड़ हुई। यह एनकाउंटर आज भोर तक महुआडांड़ थाना क्षेत्र के दौना और करमखाड़ गांव के बीच हुआ। इस एनकाउंटर में जाबांजों ने खूंखार नक्सली मनीष यादव को मार गिराया। मनीष यादव पांच लाख रुपये का इनामी नक्सली था। वहीं, एनकाउंटर के दरम्यान भाग रहे 10 लाख रुपये के इनामी नक्सली कुंदन खरवार को दबोच लिया गया। हथियार भी बरामद किये गये हैं। इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है।
पलामू रेंज के DIG वाईएस रमेश के अनुसार लातेहार SP कुमार गौरव को इंफॉर्मेशन मिली थी कि CRPF जवान के पेट में बम प्लांट कर उन्हें खौफनाक मौत देने वाला खूंखार इनामी नक्सली मनीष यादव कुछ दिनों से महुआडांड़ थाना क्षेत्र के दौना गांव के आसपास पनाह लिये हुए है। अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में है। मिली इंफॉर्मेशन पर SP कुमार गौरव पूरे लाव लश्कर के साथ लोकेशन पर पहुंचे। इलाके की घेराबंदी कर जंगल में छिपे नक्सलियों को घेर लिया। अचानक जंगल के भीतर से सुरक्षाबलों पर फायरिंग की गयी, जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में जवानों को भी गोलियां चलानी पड़ी। बीती देर रात करीब दो बजे शुरू हुई मुठभेड़ आज भोर तक चली। गोलियों की तड़तड़ाहट से पूरा इलाका थर्रा उठा। इसी दरम्यान खूंखार मनीष यादव मारा गया। वहीं, कुंदन खेरवार धरा गया।

खूंखार मनीष यादव के खात्मे के साथ ही माओवादियों का ट्रेनिंग सेंटर बूढ़ा पहाड़ में बिहार का लीडरशिप खत्म हो गया। मनीष यादव बिहार के गयाजी के छकरबंधा का रहने वाला था। बूढ़ा पहाड़ में मनीष यादव बिहार के इलाके का आखिरी टॉप कमांडर था। मनीष यादव लातेहार, पलामू, गढ़वा, चतरा, बिहार के गया और औरंगाबाद में 50 से अधिक नक्सली हमलों को अंजाम दे चुका है। मनीष यादव पहले बिहार के इलाके में एक्टिव था। बाद में वह बूढ़ा पहाड़ के इलाके में माओवादियों के दस्ते का सदस्य बन गया। धीरे-धीरे वह टॉप कमांडर बन गये। मनीष यादव चर्चित कटिया मुठभेड़ का भी आरोपी था। कटिया मुठभेड़ में ही CRPF जवान के पेट में बम प्लांट किया गया था और 13 जवान शहीद हुए थे। साल 2018-19 में गढ़वा के पोलपोल में नक्सली हमले में छह जवान शहीद हुए थे। इस घटना का भी मुख्य आरोपी मनीष यादव था।

खूंखार इनामी नक्सली मनीष यादव कभी एक करोड़ के इनामी देव कुमार सिंह उर्फ अरविंद का बॉडीगार्ड हुआ करता था। अरविंद के साथ वह एक-47 लिए घूमता था। उसकी एक तस्वीर भी वायरल हुई थी। साल 2018 में बीमारी के चलते अरविंद की मौत हो गई थी। अरविंद की मौत के बाद मनीष यादव बूढ़ा पहाड़ इलाके में एक्टिव हो गया और बाद में वह सबजोनल कमांडर बन गया था। बता दें कि पांच लाख के इनाममी सबजोनल कमांडर मनीष यादव उर्फ मनीष जी के खिलाफ पुलिस फाइल में कुल 40 संगीन मामले दर्ज हैं। वहीं, 10 लाख के इनामी कुंदन जी उर्फ सुधीर सिंह के खिलाफ 27 मामले दर्ज हैं।
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