Ranchi : भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि झारखंड की संवैधानिक संस्थाओं को जानबूझकर पंगु बना दिया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उन संस्थाओं को निष्क्रिय कर चुकी है, जो सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाने और जनता की शिकायतें सुनने का काम करती हैं.
प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता में मरांडी ने कहा, “मानवाधिकार आयोग, महिला आयोग, सूचना आयोग, लोकायुक्त, उपभोक्ता फोरम जैसे तमाम संवैधानिक संस्थाएं वर्षों से खाली पड़ी हैं. इन संस्थाओं के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति सरकार ने नहीं की है.” उन्होंने बताया कि बीते पांच वर्षों में सरकार ने “नेता प्रतिपक्ष की अनुपस्थिति” का बहाना बनाकर इन संस्थाओं को भरने से इनकार किया, लेकिन अब जबकि हेमंत सोरेन सरकार को दोबारा बहुमत मिला है और कई महीने बीत चुके हैं, फिर भी नियुक्तियां नहीं की गई हैं.
मरांडी ने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर इन संस्थाओं को कमजोर करना चाहती है, क्योंकि ये संस्थाएं घोटालों पर नजर रखती हैं और जनता की आवाज बनती हैं. उन्होंने कहा, “यह सीधा-सीधा लोकतंत्र की संस्थाओं को कमजोर करने की साजिश है. सरकार नहीं चाहती कि कोई उसके खिलाफ आवाज उठाए.” भाजपा नेता ने राज्य सरकार से मांग की है कि वह अविलंब सभी संवैधानिक संस्थाओं में अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति करे ताकि जनता की समस्याओं को सुना जा सके और लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत किया जा सके.
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