Bijapur : छत्तीसगढ़ के बीजापुर से सटी तेलंगाना सीमा पर 21 दिनों तक चले नक्सल विरोधी अभियान में सुरक्षा बलों को शानदार कामयाबी मिली है। छत्तीसगढ़ के DGP अरुण देव गौतम और CRPF के DG जीपी सिंह ने इस अभियान की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म करने का संकल्प लिया गया है। इस अभियान में 31 हार्डकोर नक्सली मारे गए हैं, जिन पर कुल 1.72 करोड़ रुपये का इनाम था। अभियान के दौरान सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच 21 बार मुठभेड़ हुई, जिसमें 18 जवान घायल हुए, लेकिन सभी खतरे से बाहर हैं। सुरक्षा बलों ने कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों से 35 राइफल और 450 IED बरामद किए हैं। इसके अलावा, नक्सलियों द्वारा जमा किया गया 12 हजार किलो राशन भी बरामद कर नष्ट किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के 210 बंकरों को ध्वस्त कर बड़ी सफलता हासिल की है। मुठभेड़ों के दौरान जवानों ने विभिन्न प्रकार की राइफलें, डेटोनेटर, वायर और बड़ी मात्रा में गोलियां भी बरामद की हैं।
इस ऑपरेशन के दौरान जवानों को कई भौगोलिक और मौसमी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। दिन में तापमान 45 डिग्री तक पहुंचता था, जबकि रात में ठंड का सामना करना पड़ता था। कई जवान डिहाइड्रेशन की स्थिति में बेस कैंप लाए गए, लेकिन सभी ने साहस के साथ अभियान को पूरा किया। CRPF के DG जीपी सिंह ने कहा कि 2014 में शुरू हुआ नक्सल विरोधी अभियान 2019 से और तेज हो गया है। उन्होंने बताया कि 2014 में नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 35 थी, जो अब घटकर 6 रह गई है। इस दौरान नक्सली हिंसा में मारे गए सुरक्षाकर्मियों की संख्या भी कम हुई है।
2024 में 928 नक्सली सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जबकि इस साल अब तक 718 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। सुरक्षा बल नक्सलियों को उनके ठिकानों से खदेड़ने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। अब तक 320 नए सुरक्षा शिविर स्थापित किए गए हैं और रात में लैंडिंग के लिए 68 हेलीपैड भी बनाए गए हैं। जीपी सिंह ने कहा कि हम 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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