Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    14 Sep, 2025 ♦ 1:40 PM
    • About Us
    • Contact Us
    • Webmail
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube Telegram WhatsApp
    Johar LIVEJohar LIVE
    • होम
    • देश
    • विदेश
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुड़
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सराइकेला-खरसावां
      • साहेबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • राजनीति
    • बिहार
    • कारोबार
    • खेल
    • सेहत
    • अन्य
      • मनोरंजन
      • शिक्षा
      • धर्म/ज्योतिष
    Johar LIVEJohar LIVE
    Home»देश»वायनाड में ‘रेन बम’ का कहर: 400 से ज्यादा मौतें, 310 हेक्टेयर खेती तबाह
    देश

    वायनाड में ‘रेन बम’ का कहर: 400 से ज्यादा मौतें, 310 हेक्टेयर खेती तबाह

    Team JoharBy Team JoharAugust 8, 2024Updated:August 8, 2024No Comments3 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link
    sd
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link
    हैदराबादः 30 जुलाई को केरल के वायनाड में भारी बारिश के बाद व्यापक तबाही हुई थी. इस प्राकृतिक आपदा में 400 से ज्यादों लोगों की मौत हो चुकी है. 150 से ज्यादा लापता हो हैं. 310 हेक्टेयर में लगी इलायची, कॉफी, काली मिर्च, चाय, नारियल, सुपारी व केला की खेती योग्य जमीन तबाह हो गई. वायनाड आपदा के पीछे के कारणों के बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि उड़ने वाली या वायुमंडलीय नदियों के कारण वायनाड में अत्यधिक वर्षा हुई. इसका ही अन्य नाम है रेन बम या फिर फ्लाइंग रिवर.

    ‘रेन बम’ क्या है

    उड़ने वाली नदियां : उड़ने वाली नदियां नमी के स्रोतों, जैसे महासागरों, समुद्रों और अन्य जल निकायों से उत्पन्न होती हैं. वायुमंडलीय नदियां जल वाष्प के विशाल, अदृश्य रिबन हैं. आकाश से बहने वाली नदियां हजारों मील तक फैल सकती हैं. वे जल वाष्प के लंबे और संकीर्ण बैंड हैं जो समुद्र के पानी के वाष्पीकरण से वायुमंडल में बनते हैं.
    गर्म तापमान हवा के नमी से भरे पॉकेट बनाते हैं जो सैकड़ों किलोमीटर दूर महासागरों और जमीन पर हवाओं द्वारा ले जाए जाते हैं. वे दुनिया भर में पानी की भारी मात्रा को वाष्प और बादल की बूंदों के रूप में ले जाते हैं. ये “आसमान में बहने वाली नदियां” पृथ्वी के मध्य अक्षांशों में बहने वाले कुल जल वाष्प का लगभग 90 फीसदी ले जाती हैं और औसतन, पानी के निर्वहन की मात्रा के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी नदी अमेजन के नियमित प्रवाह का लगभग दोगुना है. ‘रेन बम’ का असर अदृश्य उड़ती नदियां: एक औसत वायुमंडलीय नदी लगभग 2000 किमी (1,242 मील) लंबी, 500 किमी चौड़ी और लगभग 3 किमी गहरी होती है.
    हालांकि अब वे चौड़ी और लंबी होती जा रही हैं. कुछ 5000 किमी से भी ज्यादा लंबी हैं. वे मानवीय आंखों के लिए अदृश्य हैं. नासा की जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला के वायुमंडलीय शोधकर्ता ब्रायन काहन कहते हैं, ‘उन्हें इन्फ्रारेड और माइक्रोवेव आवृत्तियों से देखा जा सकता है.’ कैलिफोर्निया के ला जोला में स्क्रिप्स इंस्टीट्यूशन ऑफ ओशनोग्राफी के शोधकर्ता मार्टी राल्फ कहते हैं, “एक तरह से, वे वास्तव में पृथ्वी पर सबसे बड़ी नदियां हैं.” वे वर्षों से इस घटना का अध्ययन कर रहे हैं. “वे जमीन पर नहीं बल्कि हवा में हैं.” जलवायु परिवर्तन वायुमंडलीय नदियों को प्रभावित कर रहा है- भारत में, मौसम विज्ञानियों का कहना है कि हिंद महासागर के गर्म होने से “उड़ती नदियां” बन गई हैं जो जून और सितंबर के बीच मानसून की बारिश को प्रभावित कर रही हैं.
    वायुमंडलीय नदी – एक मौसम की घटना जो हाल के वर्षों में अधिक से अधिक ध्यान आकर्षित कर रही है, क्योंकि वैज्ञानिक और जनता इसके कभी-कभी विनाशकारी प्रभाव को समझने की दौड़ में है. ‘रेन बम’ का असर जैसे-जैसे पृथ्वी तेजी से गर्म होती जा रही है, वैज्ञानिकों का कहना है कि ये वायुमंडलीय नदियां लंबी, चौड़ी और अधिक तीव्र हो गई हैं, जिससे दुनिया भर में करोड़ों लोग बाढ़ के खतरे में हैं. साक्ष्य संकेत देते हैं कि ग्लोबल वार्मिंग के तहत वायुमंडलीय नदियों की आवृत्ति और तीव्रता बढ़ रही है. अधिक पानी वाष्पित हो जाता है और वायुमंडल अधिक नमी संग्रहीत कर सकता है-अधिक आपूर्ति और अधिक भंडारण दोनों है. जब वाष्प तट पर पहुंचती है, तो यह पहाड़ पर चढ़ती है. ठंडी होती है और वर्षा या हिमपात के रूप में नीचे आती है – जो पहाड़ियों को बहाकर भूस्खलन का कारण बनती है तथा मूसलाधार वर्षा, बाढ़ और घातक हिमस्खलन लाती है.
    उड़ने वाली नदियां केरल ग्लोबल वार्मिंग प्राकृतिक आपदा बाढ़ भारी बारिश भूस्खलन रेन बम वायनाड
    Follow on Facebook Follow on X (Twitter) Follow on Instagram Follow on YouTube Follow on WhatsApp Follow on Telegram
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Previous Articleबीच सड़क पर भाई ने घोंटा छोटी बहन का गला, और लोग देखते रहे तमाशा
    Next Article पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का निधन, ममता बनर्जी ने जताया शोक

    Related Posts

    देश

    IRCTC का धमाकेदार ऑफर: सिर्फ ₹11,910 में अयोध्या, शिमला और राजस्थान की सैर

    September 14, 2025
    देश

    हिंदी दिवस : पीएम मोदी और जेपी नड्डा ने दी शुभकामनाएं, हिंदी को बताया संस्कृति की धरोहर

    September 14, 2025
    देश

    हिंदी दिवस विशेष : पेशे से डॉक्टर-वकील, दिल से हिंदी प्रेमी

    September 14, 2025
    Latest Posts

    बिहार में NDA ने कार्यकर्ता सम्मेलन के पांचवें चरण का किया ऐलान

    September 14, 2025

    IRCTC का धमाकेदार ऑफर: सिर्फ ₹11,910 में अयोध्या, शिमला और राजस्थान की सैर

    September 14, 2025

    नेपाल की अंतरिम पीएम सुशीला कार्की ने संभाला कार्यभार, मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी

    September 14, 2025

    तालाब में नहाने गये युवक की डूबने से मौ’त, बर्तन दुकान में करता था काम

    September 14, 2025

    हिंदी दिवस : पीएम मोदी और जेपी नड्डा ने दी शुभकामनाएं, हिंदी को बताया संस्कृति की धरोहर

    September 14, 2025

    © 2025 Johar LIVE. Designed by Forever Infotech. | About Us | AdSense Policy | Privacy Policy | Terms and Conditions | Contact Us

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.