Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    26 Jul, 2025 ♦ 2:08 PM
    • About Us
    • Contact Us
    • Webmail
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube Telegram WhatsApp
    Johar LIVEJohar LIVE
    • होम
    • देश
    • विदेश
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुड़
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सराइकेला-खरसावां
      • साहेबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • राजनीति
    • बिहार
    • कारोबार
    • खेल
    • सेहत
    • अन्य
      • मनोरंजन
      • शिक्षा
      • धर्म/ज्योतिष
    Johar LIVEJohar LIVE
    Home»Uncategorized»झारखंड दिल है, तो आदिवासी समाज उसकी धड़कन : आदित्य विक्रम जायसवाल
    Uncategorized

    झारखंड दिल है, तो आदिवासी समाज उसकी धड़कन : आदित्य विक्रम जायसवाल

    Team JoharBy Team JoharApril 11, 2024Updated:April 11, 2024No Comments2 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link

    रांची: सरहुल पर्व के अवसर पर कांग्रेस नेता आदित्य विक्रम जायसवाल आज लाल सिरमटोली सरहुल पुजा समिति एवं मुंडा बस्ती, लोहरा कोच्चा, गोसाई टोली, डोडिया टोली, मकचुंद टोली सरहुल पूजा समिति के कार्यक्रम में शामिल हुए. जहां समिति के सदस्यों ने आदित्य जायसवाल को सरई फुल लगाकर एवं अंग्वस्त्र से सम्मानित किया.

    इस अवसर पर आदित्य विक्रम जायसवाल ने सरहुल पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रकृति के साथ अटूट प्रेम बंधन ही सरहुल पर्व है. झारखंड के निवासियों ने शुरू से इस परंपरा का निर्वहन किया है. उनके लिए वृक्ष कोई निर्जीव वस्तु नहीं है, बल्कि यह उनके घर का सदस्य है. उन्होंने कहा कि आदिकाल से झारखंड के आदिवासी और मूलवासी समाज धूमधाम से सरहुल का त्योहार मनाते आ रहे है. इस पर्व से हमें प्रकृति के संरक्षण व संवर्धन का संदेश मिलता है.

    आदित्य विक्रम ने यह भी कहा कि सरहुल दो शब्द से मिलकर बना है, सर और हूल. सर यानी सरई या सखुआ का फूल और हूल का तात्पर्य क्रांति से है. इस तरह सखुआ फूल की क्रांति को ही सरहुल कहा गया है. मुंडारी, संथाली और हो भाषा में सरहुल को बाया बाहा पोरोब, खड़िया भाषा में जांकोर, कुड़ुख में खद्दी या खेखेल बेंजा कहा जाता है. इसके अलावा नागपुरी, पंचपरगनिया, खोरठा और कुरमाली भाषा में इसको सरहुल कहा जाता है.

    मौक़े पर अनिल कच्छप, बिरलू कच्छप, आज़ाद,कार्तिक कच्छप, समीर, बल्ली, बलदेव तिर्की, मोहन, पूनम तिर्की, कृष्णा सहाय, संजीव महतो, अनिल सिंह, मनोज राम, मनोज राम, संतोष सिंह, निरंजन महतो आदि लोग मौजूद थे.

    ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ की ईशा अग्रवाल ने जीता नारीफर्स्ट ज्वेल ऑफ इंडिया का खिताब

    Johar Live आज की खबर आदित्य विक्रम जायसवाल करंट न्यूज कांग्रेस जोहार लाइव झारखंड झारखंड की खबर झारखंड न्यूज डेली न्यूज ताजा खबर न्यूज हेडलाइन मुख्य समाचार रांची लेटेस्ट न्यूज सरहुल सिटी न्यूज स्थानीय खबर
    Follow on Facebook Follow on X (Twitter) Follow on Instagram Follow on YouTube Follow on WhatsApp Follow on Telegram
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Previous Article12 ज्योतिर्लिंग दर्शन के लिए निकला युवक, 1200 किलोमीटर चल चुका है पैदल
    Next Article राजनीतिक दलों को चुनाव आयोग की सलाह, बताया ‘क्या करें’ और ‘क्या न करें’

    Related Posts

    झारखंड

    खरसावां में नाले में डूबने से चार युवकों की मौ’त

    July 26, 2025
    झारखंड

    पत्निहंता को उम्रकैद की सजा, जुर्माना भी ठोका

    July 26, 2025
    जमशेदपुर

    जमशेदपुर में भारी बारिश से खतरा बढ़ा, स्वर्णरेखा नदी का जलस्तर डेंजर मार्क से ऊपर

    July 26, 2025
    Latest Posts

    CM नीतीश ने मधुबनी में 426 करोड़ की विकास योजनाओं का किया शिलान्यास

    July 26, 2025

    झाड़ियों से मिली नवजात बच्ची, तन पर एक कपड़ा तक नहीं

    July 26, 2025

    खरसावां में नाले में डूबने से चार युवकों की मौ’त

    July 26, 2025

    पुलिस को देखते ही भागने लगा शंकर बिरुआ, धराया तो…

    July 26, 2025

    बिहार के इस जिले में बन रहा है तीसरा खादी मॉल… जानें

    July 26, 2025

    © 2025 Johar LIVE. Designed by Forever Infotech.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.