Saraikela: जिले में अवैध बालू परिवहन को लेकर एक नया विवाद सामने आया है। जिला परिषद सदस्य मधुश्री ने बीती रात नीमडीह थाना क्षेत्र के तिरुंग चौक के पास से बालू लदे दो डंपरों को रोककर पकड़ा। यह घटना रात करीब ढाई बजे की है जिसके बाद मौके पर हंगामा खड़ा हो गया।
मामले की सूचना मिलते ही कुकड़ू के अंचलाधिकारी और थाना प्रभारी घटनास्थल पर पहुंचे। इसके बाद दोनों गाड़ियों को जब्त कर थाने लाया गया। फिलहाल दोनों वाहन नीमडीह थाना परिसर में खड़े हैं और चालकों द्वारा दिखाए गए चालान की जांच की जा रही है।
थाना प्रभारी ने बताया कि चालानों की वैधता को लेकर जांच चल रही है। यदि चालान सही नहीं पाए गए तो आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में जिला खनन पदाधिकारी भी थाने पहुंचे और जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पुलिस खनन विभाग की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
इस पूरे घटनाक्रम में नया मोड़ तब आया जब जिला परिषद सदस्य मधुश्री के पति पर वसूली के उद्देश्य से गाड़ियों को रोकने का आरोप लगाया गया। इस संबंध में थाने में लिखित शिकायत दी गई है। मधुश्री ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्हें ग्रामीणों की सूचना मिली थी, जिसके आधार पर वह मौके पर पहुंचीं और गाड़ियां पकड़ीं।
उन्होंने बताया कि क्षेत्र में बालू का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है, जबकि एनजीटी ने बालू खनन पर रोक लगा रखी है। मधुश्री ने कहा कि यदि वसूली का उद्देश्य होता तो वह गाड़ियां पकड़ती ही क्यों? उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने इस बाबत पूर्व में डीसी को भी शिकायत सौंपी थी।
घटना के बाद जिला परिषद सदस्य के कार्रवाई को लेकर प्रशासनिक गलियारों में बहस तेज हो गई है। कई अधिकारियों ने सवालों से कन्नी काट ली। कुकड़ू सीओ ने इस विषय में बोलने से इनकार करते हुए कहा कि इस पर निर्णय उच्च अधिकारी ही दे सकते हैं। वहीं, सरायकेला एडीसी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में व्यस्त होने का हवाला देकर टिप्पणी करने से मना कर दिया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब जिम्मेदारियों का बंटवारा स्पष्ट है, तो फिर जिला परिषद सदस्य का छापेमारी करना अराजकता की ओर इशारा करता है। अगर उन्हें किसी अवैध गतिविधि की सूचना थी, तो उन्हें संबंधित विभाग को जानकारी देनी चाहिए थी।