Johar Live Desk : बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने आखिरकार पहलगाम आतंकी हमले और भारत द्वारा पाकिस्तान को दिए गए जवाब पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। लंबे समय तक माइक्रोब्लॉगिंग साइट X (पूर्व ट्विटर) पर केवल अपनी पोस्ट की संख्या साझा करने के बाद, बिग बी ने अब एक भावुक और प्रतीकात्मक पोस्ट साझा की है, जिसमें उन्होंने शब्दों से नहीं, बल्कि इशारों और कविता के जरिए अपनी बात रखी है।
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में एक निर्दोष हिंदू दंपति की निर्मम हत्या ने देशभर को झकझोर दिया था। इस पर चुप रहने के चलते अमिताभ बच्चन सोशल मीडिया पर आलोचना का शिकार हो रहे थे। लेकिन शनिवार देर रात बच्चन ने एक काव्यात्मक पोस्ट में इस हमले का दर्द और भारत के जवाब को “ऑपरेशन सिंदूर” नाम से संबोधित किया।
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छुट्टियाँ मानते हुए, उस राक्षस ने, निर्दोष पति पत्नी को बाहर खींच कर, पति को नग्न कर, उसके धर्म की पूर्ति करने के बाद , उसे जब गोली मारने लगा, तो पत्नी ने, घुटने पे गिर कर, रो रो अनुरोध करने के बाद भी, की उसके पति को न मारो ; उसके पति को उस बुज़दिल राक्षस ने, बेहद…— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) May 10, 2025
बिग बी की पोस्ट में क्या लिखा था?
अमिताभ बच्चन ने लिखा : “छुट्टियां मानते हुए, उस राक्षस ने, निर्दोष पति-पत्नी को बाहर खींच कर, पति को नग्न कर, उसके धर्म की पूर्ति करने के बाद, उसे जब गोली मारने लगा, तो पत्नी ने, घुटनों पर गिर कर, रो-रोकर अनुरोध किया, परंतु राक्षस ने पति को बेरहमी से मार दिया। पत्नी ने कहा ‘मुझे भी मार दो’, तो उसने कहा – ‘नहीं! तू जाकर ….. को बता’।”
इस पोस्ट में बच्चन ने जानबूझकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम नहीं लिया और जहां उनके संदर्भ की संभावना थी, वहां डैश (….) का प्रयोग किया। इसके बाद उन्होंने अपने पिता हरिवंश राय बच्चन की एक कविता उद्धृत की – “है चिता की राख कर में, मांगती सिंदूर दुनिया”, और उसके बाद लिखा – “….. ने दे दिया सिंदूर। ऑपरेशन सिंदूर। अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ!”
सोशल मीडिया पर भड़की जनता
बच्चन की पोस्ट पर लोगों की प्रतिक्रियाएं मिली-जुली रहीं। कुछ यूजर्स ने उनकी भावनात्मक अभिव्यक्ति की तारीफ की, जबकि कई ने उन्हें ‘पब्लिक प्रेशर में ट्वीट करने वाला हीरो’ करार दिया। एक यूजर ने लिखा, “आप अब जागे हैं, जब देश पहले ही जाग चुका था।” वहीं किसी ने कहा, “आपके शब्दों में साफगोई नहीं है, आप नाम क्यों नहीं ले पाए?”
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