Ranchi : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा पुलिसकर्मी रणजीत राणा को सम्मानित करने की तैयारी पर सवाल उठे हैं। भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने ट्विटर पर मुख्यमंत्री को टैग करते हुए लिखा कि राज्य में पुरस्कार देने का अधिकार मुख्यमंत्री का है, लेकिन इसे “सराहनीय सेवा” के नाम पर गलत लोगों को देने की घटनाएँ गंभीर चिंता का विषय हैं।
मरांडी ने अपने ट्वीट में आरोप लगाया कि रणजीत राणा, जो जाप-2 का आरक्षी है, नक्सल अभियानों में कभी शामिल नहीं रहा और 2015 से अनुराग गुप्ता का कंप्यूटर ऑपरेटर रहा है। मरांडी ने बताया कि रणजीत राणा कई मामलों में वरिष्ठ अधिकारियों के काले कामों में मददगार साबित हुए हैं और पुलिस महकमे तथा अन्य मामलों में उसकी भूमिका विवादित रही है।
उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसे व्यक्ति को किस सराहनीय कार्य के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया जा रहा है। बाबुला ने मुख्यमंत्री से इस मामले को दोबारा देखने की अपील की है और कहा कि अगर यह गलती हो रही है, तो इसे सुधारा जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री @HemantSorenJMM जी,
राज्य में पुरस्कार देना आपका विशेषाधिकार है — आप जिसे चाहें, जब चाहें, किसी भी पुरस्कार से सम्मानित कर सकते हैं। आप राजा हैं चाहें तो चोर, उच्चके, डकैत किसी को भी सम्मानित कर सकते हैं। वैसे भी, आपके कार्यकाल में तो डीजीपी का पद भी मानो “पुरस्कार”… pic.twitter.com/Re1wRQZDaL
— Babulal Marandi (@yourBabulal) November 9, 2025
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