Johar Live Desk : नवरात्रि का पावन पर्व शक्ति की उपासना और श्रद्धा का प्रतीक है। इस दौरान घर-घर में कलश स्थापना के साथ जौ बोए जाते हैं, जिन्हें ‘जवारे’ कहा जाता है। नौ दिनों तक इन जवारों की विशेष देखभाल की जाती है। मान्यता है कि इनका हरा-भरा रहना घर में सुख-समृद्धि और देवी की कृपा का संकेत होता है। लेकिन नवरात्रि समाप्त होने के बाद एक सवाल हर किसी के मन में आता है इन जवारों का क्या करें?
नवमी या दशमी को करें विसर्जन
शास्त्रों के अनुसार, नवरात्रि की नवमी या दशमी तिथि पर जवारों को विधिपूर्वक निकाल लेना चाहिए। कुछ जवारों को लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी, पर्स या घर के पूजा स्थान पर रखना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से घर में बरकत बनी रहती है और धन वृद्धि होती है।
कहां करें विसर्जन?
बचे हुए जवारे घर में सूखने नहीं देने चाहिए। इन्हें पवित्र नदी या तालाब में बहा देना सबसे अच्छा तरीका माना जाता है। अगर यह संभव न हो, तो इन्हें पीपल या बरगद के पेड़ के नीचे श्रद्धा से रखा जा सकता है।

जवारे से जुड़े चमत्कारी उपाय
- धन लाभ: लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
- विद्या प्राप्ति: बच्चों की किताबों में जवारों के दाने रखने से पढ़ाई में मन लगता है।
- स्वास्थ्य लाभ: बीमार व्यक्ति के लिए जवारों का रस उपयोगी माना जाता है।
- नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति: हवन में जवारे की आहुति देने से बुरी नजर से बचाव होता है।
सम्मानपूर्वक करें विदाई
जवारे केवल एक धार्मिक प्रतीक नहीं, बल्कि देवी के आशीर्वाद का प्रतीक माने जाते हैं। इसलिए उनका विसर्जन पूरे सम्मान और श्रद्धा से करना चाहिए। कई जगहों पर विसर्जन से पहले शोभायात्रा भी निकाली जाती है।
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