Hazaribagh : झारखंड के हजारीबाग जिले में नक्सलियों द्वारा पोस्टरबाजी कर एक बार फिर दहशत फैलाने की कोशिश की गई है। यह पोस्टर सीसीएल (सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड) और एलएंडटी (लार्सन एंड टुब्रो) के खनन परियोजना क्षेत्रों के पास लगाए गए हैं। इन पोस्टरों में कंपनियों, श्रमिकों और प्रशासन को कड़ी चेतावनी दी गई है।
पोस्टरों में कहा गया है कि दिनांक 01 जून 2025 से संगठन द्वारा किसी भी प्रकार की कार्रवाई की जिम्मेदारी संबंधित कंपनियों की होगी, यदि उनके श्रमिक संगठन से अनुमति लिए बिना कार्यस्थल पर जाते हैं। संगठन ने अपने संदेश में यह भी जोड़ा है कि श्रम को संगठन की स्वीकृति के साथ ही खदान क्षेत्र में प्रवेश करना चाहिए, अन्यथा परिणाम के लिए कंपनियां स्वयं जिम्मेदार होंगी।
पोस्टर में लिखा गया है कि नक्सलवाद कोई खतरा नहीं, बल्कि पूंजीवाद असली खतरा है। पुलिस प्रशासन को पूंजी का रक्षक बताते हुए यह भी कहा गया है कि झारखंड को नवसाम्राज्यवाद से मुक्त कराने के नाम पर आदिवासी जनता को गोली और दमन का शिकार बनाया जा रहा है।
पोस्टर में पांच नक्सली साथियों के मारे जाने और उनके साथ हुए व्यवहार का उल्लेख करते हुए लिखा गया है कि जिन गरीब सिपाहियों ने हमारे साथियों को प्रताड़ित किया है, वे अपनी गलती स्वीकार करें, क्योंकि अब लड़ाई आमने-सामने की है।
एक अन्य हिस्से में युवाओं से अपील करते हुए कहा गया है कि जंगल और पहाड़ शहीदों के खून से रंगे हुए हैं, यह अभियान महान है और नवजवानों को इस विचारधारा से जुड़ना चाहिए।
संगठन ने यह भी चेतावनी दी है कि समय उतार-चढ़ाव का है, और संगठन या जनता की चेतावनी को नजरअंदाज करना महंगा पड़ सकता है। अंत में, पोस्टर में माओवादी विचारधारा को आम जनता के बीच बुलंद करने की अपील की गई है।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन ने संबंधित क्षेत्र में कार्रवाई करते हुए पोस्टरों को जब्त कर लिया है। जांच शुरू कर दी गई है और सुरक्षा बलों को सतर्क कर दिया गया है। संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त बढ़ा दी गई है और लोगों से अपील की गई है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।