Ranchi : GST इंटेलिजेंस की जमशेदपुर इकाई ने मंगलवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए रांची के दो व्यापारियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में कुमार लव अग्रवाल और गुलबहार मलिक शामिल हैं, जिन पर फर्जी GST बिलों के माध्यम से लगभग 11 करोड़ रुपये का अनुचित इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) लेने का आरोप है। GST इंटेलिजेंस की जांच में सामने आया है कि इन दोनों व्यापारियों ने 50 करोड़ रुपये की कागजी खरीद-बिक्री दिखाकर इस घोटाले को अंजाम दिया। पूछताछ के बाद दोनों को गिरफ्तार कर जमशेदपुर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
कारोबार की आड़ में फर्जीवाड़ा
गिरफ्तार कुमार लव अग्रवाल बैटरियों का अधिकृत विक्रेता है, जबकि गुलबहार मलिक पुरानी बैटरियों के व्यापार से जुड़ा है। जांच में पता चला कि गुलबहार मलिक ने अग्रवाल को बिना किसी वास्तविक माल की आपूर्ति किए ही 10 करोड़ रुपये मूल्य के फर्जी GST बिल जारी किए। इतना ही नहीं, अग्रवाल ने अन्य व्यापारियों से भी फर्जी बिल लेकर आइटीसी का अनुचित लाभ उठाया।
दर्जनों फर्जी फर्मों के जरिए गड़बड़ी
जांच के दौरान यह भी खुलासा हुआ है कि गुलबहार मलिक ने न्यू इंडिया ट्रेडर्स, कैपिटल इंटरप्राइजेज, एफएम ट्रेडिंग, डीडी इंटरप्राइजेज और जिशान ट्रेडिंग सहित दर्जनों कागजी कंपनियां बनाई थीं, जिनके जरिए उसने फर्जी GST बिल जारी किए। इन फर्मों की कोई वास्तविक व्यावसायिक गतिविधि नहीं थी और इनका इस्तेमाल केवल इनपुट टैक्स क्रेडिट की धोखाधड़ी के लिए किया गया।
GST विभाग की सख्ती
GST इंटेलिजेंस विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस प्रकार की फर्जीवाड़ा गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। विभाग अब इस पूरे नेटवर्क की विस्तार से जांच कर रहा है और इसमें शामिल अन्य लोगों और फर्मों की भी पहचान की जा रही है। यह कार्रवाई सरकार की फर्जी GST बिलिंग पर नकेल कसने की नीति का हिस्सा मानी जा रही है, जिससे टैक्स चोरी रोकने और राजस्व में पारदर्शिता लाने की दिशा में ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।
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