Johar Live Desk : आज छठ महापर्व का तीसरा दिन है। इस दिन व्रती डूबते सूर्य को सायंकालीन अर्घ्य देंगे। पर्व की शुरुआत 25 अक्टूबर 2025 को कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन नहाय-खाय से हुई थी। पंचमी को खरना, षष्ठी को संध्या अर्घ्य और सप्तमी को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाएगा।
संध्या अर्घ्य
तीसरे दिन व्रती घाट पर आकर कमर तक पानी में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देंगे। द्रिक पंचांग के अनुसार 27 अक्टूबर को सूर्योदय सुबह 06:42 बजे और सूर्यास्त शाम 05:48 बजे होगा।
उगते सूर्य को अर्घ्य
छठ महापर्व का अंतिम दिन, सप्तमी तिथि, 28 अक्टूबर को मनाया जाएगा। सुबह 06:38 बजे तक व्रती उगते सूर्य को अर्घ्य देंगे और इसके बाद 36 घंटे का कठोर व्रत समाप्त होगा।

छठ व्रत की तैयारी
व्रती पूजा के लिए पथिया और सूप जैसी दो बांस की टोकरी, डगरी, पोनिया, ढाकन, कलश, पुखार और सरवा रखते हैं। टोकरी में ठेकुआ, मखान, अक्षत, सुपारी, अंकुरी, गन्ना और पांच प्रकार के फल रखे जाते हैं। इसके अलावा पंचमेर यानी पांच रंग की मिठाई भी अर्पित की जाती है।
छठ व्रत संतान की सुख-समृद्धि और परिवार में खुशहाली के लिए किया जाता है। बिहार और आसपास के राज्यों में यह पर्व बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।

