Latehar : पलामू टाइगर रिजर्व (पीटीआर) के बरवाडीह पश्चिम वन प्रक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पुटुआगढ़ जंगल में टाइगर सफारी की शुरुआत की तैयारी अंतिम चरण में है. झारखंड सरकार ने बिहार के राजगीर जू सफारी की तर्ज पर इस प्रोजेक्ट को विकसित करने का निर्णय लिया है. करीब 300 हेक्टेयर क्षेत्र में बनने वाली यह सफारी PTR के बाहरी इलाके में स्थापित की जा रही है, ताकि पर्यटकों को बाघ देखने का निश्चित अवसर मिल सके.
टाइगर सफारी के निर्माण के लिए सर्वेक्षण का कार्य पूरा कर लिया गया है और प्रस्ताव को राज्य सरकार के साथ-साथ नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) को भी भेजा गया है. यदि सब कुछ योजना के अनुसार रहा, तो अक्टूबर 2025 से सफारी को पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा.
सुनियोजित संरचना और वन्यजीवों की व्यवस्था
प्रस्तावित सफारी क्षेत्र की 300 हेक्टेयर भूमि की पांच-पांच हेक्टेयर के खंडों में घेराबंदी की जाएगी. इस संरक्षित क्षेत्र में एक बाघ और दो बाघिनों को लाया जाएगा. इसके अलावा चीतल, सांभर और अन्य जंगली जानवरों को भी बाहर से लाकर इस इलाके में बसाया जाएगा.
बेतला नेशनल पार्क के पूरक के रूप में काम करेगी सफारी
जहां बेतला नेशनल पार्क में पर्यटक नेचुरल जंगल सफारी का आनंद लेते हैं, वहीं टाइगर सफारी में उन्हें बाघों को नजदीक से देखने का सुनहरा अवसर मिलेगा. अक्सर PTR के खुले जंगलों में बाघ दिखाई नहीं देने से पर्यटकों को निराश लौटना पड़ता है. इस समस्या के समाधान के रूप में यह सफारी पर्यटकों के अनुभव को और भी रोमांचक बना सकती है.
प्रशासन और जनप्रतिनिधियों का समर्थन
PTR के डिप्टी डायरेक्टर प्रजेशकांत जेना ने जानकारी दी कि टाइगर सफारी के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है और जल्द ही इसकी स्वीकृति मिलने की उम्मीद है. वहीं स्थानीय विधायक रामचंद्र सिंह ने कहा कि क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई परियोजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें पुटुआगढ़ का टाइगर सफारी भी शामिल है. इस टाइगर सफारी के शुरू होने से पलामू और झारखंड के पर्यटन को नई पहचान मिलेगी और वन्यजीव संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा.
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