Jharkhand: झारखंड विधानसभा ने शिक्षा व्यवस्था से जुड़े तीन अहम विधेयकों को मंजूरी दे दी। इनमें झारखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक-2025, झारखंड कोचिंग सेंटर नियंत्रण एवं विनियमन विधेयक-2025 और व्यावसायिक शिक्षण संस्थान विधेयक-2025 शामिल हैं। इन विधेयकों के लागू होने से राज्य की उच्च शिक्षा और कोचिंग संस्थानों में बड़े बदलाव होंगे।
विश्वविद्यालय विधेयक के तहत अब कुलपति, प्रति कुलपति, वित्तीय सलाहकार और परीक्षा नियंत्रक जैसे पदों की नियुक्ति का अधिकार राज्यपाल से लेकर राज्य सरकार को सौंप दिया गया है। साथ ही सभी विश्वविद्यालयों के लिए एक समान अंब्रेला एक्ट लागू होगा। सबसे बड़ा बदलाव छात्र संघ चुनावों में किया गया है। अब चुनाव सीधे मतदान से नहीं होंगे बल्कि छात्र प्रतिनिधियों का चयन कुलपति और प्राचार्य की अनुशंसा पर होगा। इस व्यवस्था का छात्र संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया है। छात्र नेता सौरव ठाकुर ने आरोप लगाया कि सरकार इस विधेयक के जरिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया और नए छात्र नेतृत्व को दबाना चाहती है।
कोचिंग सेंटर नियंत्रण एवं विनियमन विधेयक-2025 के तहत अब किसी भी कोचिंग संस्थान को खोलने के लिए लाइसेंस और पांच लाख रुपये की बैंक गारंटी जरूरी होगी। रजिस्ट्रेशन हर पांच साल में नवीनीकृत कराना होगा। 16 साल से कम उम्र के छात्रों को प्रवेश नहीं मिलेगा। छात्रावासों में नियमित पुलिस गश्त, शिकायत निवारण सेल और पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर अनिवार्य किया गया है।
व्यावसायिक शिक्षण संस्थान विधेयक-2025 के तहत निजी उच्च शिक्षण संस्थानों की फीस और कैपिटेशन शुल्क पर नियंत्रण रहेगा। इसके लिए एक समिति बनाई जाएगी जिसकी अध्यक्षता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश द्वारा अनुशंसित सेवानिवृत्त जज करेंगे। कोई भी संस्थान छात्रों से एक साल से अधिक की अग्रिम फीस नहीं ले सकेगा और छात्र शिकायतों की जांच भी यही समिति करेगी।
तीनों विधेयकों को राज्यपाल की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा और गजट में अधिसूचना के बाद ये कानून के रूप में लागू हो जाएंगे।
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