Ranchi : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में 22 मई 2025 यानि आज हुई कैबिनेट की बैठक में 10 महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगी है। जिनका उद्देश्य शिक्षा, जल संसाधन, प्रशासनिक सुधार और कर्मचारियों की भलाई को बढ़ावा देना है।
इन प्रस्तावों पर लगी मुहर
मुफ्त पाठ्य सामग्री वितरण:
राज्य के सभी गैर सरकारी सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक माध्यमिक विद्यालयों, मदरसों और संस्कृत विद्यालयों में कक्षा 9 से 10 तक के सभी छात्रों को पाठ्य-पुस्तक और कॉपी निःशुल्क प्रदान की जाएगी।विज्ञान और प्रतिस्पर्धात्मक पत्रिकाओं का वितरण:
राज्य के सरकारी विद्यालयों में कक्षा 9 से 12 के छात्रों के लिए विज्ञान पत्रिका और कक्षा 11 से 12 के लिए प्रतिस्पर्धात्मक पत्रिका का मुद्रण एवं वितरण किया जाएगा।झारखंड राज्य जल संसाधन आयोग का गठन:
राज्य में जल की उपलब्धता, विकास और कुशल प्रबंधन हेतु प्रथम झारखंड राज्य जल संसाधन आयोग के गठन को स्वीकृति दी गई।कर्मचारी सेवा संवर्ग में परिवर्तन:
श्री राजीव रंजन चौबे और श्री अफजल हसनैन हक्की की सेवा क्षेत्रीय संवर्ग से झारखंड सचिवालय लिपिकीय सेवा संवर्ग में परिवर्तित करते हुए उन्हें समायोजित किया गया।मानव संसाधन अधिग्रहण मैनुअल 2025:
झारखंड मानव संसाधन अधिग्रहण (आउटसोर्सिंग) मैनुअल, 2025 के गठन की स्वीकृति दी गई।न्यायिक सेवा में नियुक्ति:
झारखंड वरीय न्यायिक सेवा में जिला न्यायाधीश के पद पर श्री विकेश की सीधी भर्ती द्वारा नियुक्ति को स्वीकृति दी गई।गबन की गई राशि की पुनः आवंटन:
चतरा जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, ईटखोरी के भवन निर्माण में गबन की गई राशि के समतुल्य राशि ₹22,07,722/- पुनः आवंटित की गई।वित्तीय प्रबंधन प्रणाली पर प्रतिवेदन:
भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के झारखंड में एकीकृत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली पर प्रतिवेदन को आगामी विधानसभा सत्र में प्रस्तुत करने की स्वीकृति दी गई।सेवानिवृत्त कर्मचारी की सेवा नियमितीकरण:
सेवानिवृत्त पदाधिकारी श्री राम विलास सिंह की सेवा नियमित एवं सम्पुष्ट किए जाने और उन्हें देय ACP/MACP का लाभ प्रदान किए जाने की स्वीकृति दी गई।वित्तीय लेखापरीक्षा प्रतिवेदन:
भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक का 31 मार्च 2024 को समाप्त वित्तीय वर्ष की राज्य वित्त लेखापरीक्षा प्रतिवेदन को आगामी विधानसभा सत्र में प्रस्तुत करने की स्वीकृति दी गई।
इन निर्णयों से राज्य के नागरिकों को बेहतर शिक्षा, जल प्रबंधन, प्रशासनिक सेवाओं और कर्मचारियों के कल्याण में सुधार की उम्मीद है।
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