New Delhi : सेविंग्स अकाउंट रखने वाले ग्राहकों को अब अपने खाते में मिनिमम बैलेंस रखने की चिंता नहीं करनी होगी। कई सरकारी बैंकों ने मिनिमम बैलेंस की अनिवार्यता खत्म कर दी है। अब खाते में कम बैलेंस होने पर ग्राहकों से कोई जुर्माना नहीं वसूला जाएगा।
किन बैंकों ने हटाया नियम?
- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI): पहले ही 2020 में यह नियम हटा चुका है।
- केनरा बैंक: मई 2025 से सभी सेविंग्स अकाउंट्स AMB (Average Monthly Balance) नियम से फ्री कर दिए गए हैं।
- पंजाब नेशनल बैंक (PNB): सेविंग्स अकाउंट में मिनिमम बैलेंस न रखने पर अब कोई जुर्माना नहीं लगेगा।
- बैंक ऑफ बड़ौदा: 1 जुलाई 2025 से सभी स्टैंडर्ड सेविंग्स अकाउंट पर मिनिमम बैलेंस चार्ज खत्म कर दिए हैं।
- इंडियन बैंक: सभी सेविंग्स अकाउंट के लिए मिनिमम बैलेंस चार्ज हटाए गए हैं।
- बैंक ऑफ इंडिया: मिनिमम बैलेंस पर लगने वाली पेनाल्टी को खत्म कर दिया है।
- यूनियन बैंक ऑफ इंडिया: सितंबर तिमाही से जनरल सेविंग्स अकाउंट में अब न्यूनतम बैलेंस की अनिवार्यता नहीं होगी।
कैसे होता है मिनिमम बैलेंस का कैलकुलेशन?
कई लोगों को लगता है कि हर दिन मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी है, लेकिन असल में इसका कैलकुलेशन पूरे महीने के औसत बैलेंस (Average Monthly Balance – AMB) के आधार पर होता है।
बैंकों की कमाई का बड़ा जरिया था मिनिमम बैलेंस चार्ज
2023-24 में देश के 11 सरकारी बैंकों ने सिर्फ मिनिमम बैलेंस की पेनाल्टी से 2,331 करोड़ रुपये की कमाई की थी। 2021 से 2024 के बीच यह आंकड़ा 5,614 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था। अब इन नए बदलावों से लाखों खाताधारकों को राहत मिलेगी और जुर्माना देने से भी बचा जा सकेगा।
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