Giridih : कुड़मी समाज को अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सूची में शामिल करने की मांग के विरोध में आदिवासी समाज ने गुरुवार को बड़ी जन आक्रोश रैली निकाली। रैली में हजारों आदिवासी पारंपरिक हथियारों और वेशभूषा में शामिल हुए। लोग केबी उच्च विद्यालय डुमरी मैदान में एकत्रित हुए और वहां से लगभग डेढ़ से दो किलोमीटर लंबी रैली निकालकर अपनी नाराजगी व्यक्त की। आदिवासी समाज के लोग कुड़मी समाज की मांग के खिलाफ जोरदार नारेबाजी कर रहे थे। सुरक्षा व्यवस्था के लिए एसडीपीओ डुमरी सुमित प्रसाद ने कमान संभाली। उनके साथ निमियाघाट थाना प्रभारी सुमन कुमार और डुमरी थाना प्रभारी प्रणीत पटेल अपने दलबल के साथ मौजूद थे।
सभा स्थल पर केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष गुंजन तिर्की, महिला मोर्चा की केंद्रीय अध्यक्ष निशा भगत, बोकारो जिला अध्यक्ष गुना मुर्मू, रांची जिला अध्यक्ष अमर तिर्की, आदिवासी मूलवासी के प्रदेश सचिव खुशबू नायक, रमेश चंद्रन, सिकंदर हेम्ब्रम, ईश्वर हेम्ब्रम, चरकू मरांडी, गणेश चंद्र टुडू, शिवनाथ संथाल, सुरेश किस्कु और अन्य लोगों ने लोगों को संबोधित किया।
महिला मोर्चा की अध्यक्ष निशा भगत ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी समाज अपनी अस्मिता की लड़ाई लड़ रहा है और अपने हक और अधिकार के लिए सड़क पर उतरकर संघर्ष करने को मजबूर है। उन्होंने कहा कि कुड़मी/महतो समाज पहले अपने आप को क्षत्रिय कहता था और अब आदिवासी समाज में शामिल होने की कोशिश कर रहा है। निशा ने स्पष्ट किया कि आदिवासी समाज हर तरह के संघर्ष और कुर्बानी देने के लिए पूरी तरह तैयार है।

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