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    Home»झारखंड»प्रतीकात्मक तौर पर पूरी हो रही जगन्नाथ रथयात्रा की परंपरा, पूजा-अर्चना शुरू
    झारखंड

    प्रतीकात्मक तौर पर पूरी हो रही जगन्नाथ रथयात्रा की परंपरा, पूजा-अर्चना शुरू

    Team JoharBy Team JoharJune 23, 2020No Comments2 Mins Read
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    Joharlive Team

    रांची। आज ऐतिहासिक जगन्नाथ रथ यात्रा है। लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण ऐसा पहली बार हो रहा है कि रांची में भगवान जगन्नाथ अपनी मौसी के घर मौसीबाड़ी नहीं जा रहे हैं। मंदिर में ही प्रतीकात्मक रूप से अनुष्ठान संपन्न हो रहा है। आज सुबह से ही पूजा-अर्चना शुरू हो गई है। समस्त अनुष्ठान मंदिर में ही संपन्न कराए जा रहे हैं। नियमित पूजा के बाद लक्ष्यार्चना पूजा की तैयारी चल रही है। करीब एक घंटे तक लक्ष्यार्चना पूजा में भगवान विष्णू की भव्य पूजा होगी।

    श्री विष्णु सहस्त्रनाम अर्चना के उपरांत विग्रहों को गर्भ गृह से निकाल कर जयकारे के बीच डोल मंडप में विराजमान कराया जाएगा। आम जन भगवान का दर्शन नहीं कर पायेंगे। एक जुलाई को मंदिर परिसर में ही घुरती रथ यात्रा की रस्म पूरी की जाएगी। इधर, मंदिर में आम श्रद्धालुओं का प्रवेश वर्जित है। खास लोगों को ही मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है। बाहर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। खास बात ये है कि लक्ष्यार्चना पूजा में पारंपरिक परिधान धोती में ही पूजा पर बैठने की अनुमति है।

    पौराणिक काल से भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ मौसी के घर (मौसीबाड़ी) जाते हैं। नौ दिनों तक मौसी के घर रुकने के बाद वापस अपने धाम लौटते हैं। इसी बहाने प्रभु जनमानस की दुख-सुख से अवगत होते हैं। रांची में पिछले 329 सालों से रथयात्रा का आयोजन उल्लासपूर्वक होता रहा है। इस अवसर पर लाखों की भीड़ होती है।

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