
Johar Live Desk : लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण 22 दिनों तक ठप रही वैष्णो देवी यात्रा आखिरकार बुधवार, 17 सितंबर से दोबारा शुरू हो गई है। तीर्थयात्रा के दोबारा शुरू होते ही श्रद्धालुओं के चेहरों पर खुशी लौट आई है। जो भक्त कटरा में रुके हुए थे और रोज मंदिर खुलने की प्रतीक्षा कर रहे थे, उनके लिए यह किसी सुखद समाचार से कम नहीं।
नागपुर से आए एक श्रद्धालु ने बताया कि वे चार दिनों से मंदिर खुलने का इंतजार कर रहे थे। उनके पास 20 तारीख की यात्रा के टिकट थे और वे रद्द करने ही वाले थे, लेकिन जैसे ही खबर आई कि यात्रा फिर से शुरू हो रही है, उन्होंने राहत की सांस ली। उन्होंने कहा, “अब मैं माता के दर्शन कर पाऊंगा, मेरे लिए यह बहुत बड़ी बात है।”
ऐसे ही उमेश नाम के एक और तीर्थयात्री ने कहा, “मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं। वर्षों से मन में इच्छा थी कि माता के दर्शन करूं। मुझे यकीन था कि यह अवसर जरूर मिलेगा। माता थोड़ी नाराज थीं, लेकिन अब सब ठीक हो गया है।”
यात्रा को पहले 14 सितंबर से शुरू होना था, लेकिन मौसम लगातार बाधा बनता रहा। मंदिर परिसर और रास्तों पर भारी बारिश के चलते जगह-जगह भूस्खलन हुआ, जिससे मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गए। प्रशासन ने यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यात्रा पर रोक लगा दी थी।
भूस्खलन की वजह से 26 अगस्त को यात्रा रोक दी गई थी। उस हादसे में 34 लोगों की मौत हुई थी और कई लोग घायल हुए थे। इसके बाद से मौसम लगातार खराब बना रहा, जिससे श्रद्धालुओं के साथ-साथ स्थानीय व्यापारियों को भी भारी नुकसान झेलना पड़ा। जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर भी कई जगह रास्ते टूट गए थे।
अब जब मौसम साफ है और रास्ते फिर से खुल गए हैं, तो तीर्थयात्रा ने दोबारा रफ्तार पकड़ ली है। कटरा से भवन तक की यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह है। प्रशासन ने भी यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए हैं।
लंबे इंतजार के बाद शुरू हुई यह यात्रा भक्तों के लिए सिर्फ एक धार्मिक कर्तव्य नहीं, बल्कि भावनाओं से जुड़ा एक अनुभव बन गया है। मां वैष्णो देवी के दर्शन को निकले हजारों श्रद्धालु अब राहत की सांस ले रहे हैं और माता के जयकारों से वातावरण गूंज उठा है।
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