Ramgarh : झारखंड के रामगढ़ जिले के कुजू ओपी क्षेत्र के करमा परियोजना में अवैध खनन के दौरान बीते शनिवार सुबह चाल धंसने से चार लोगों की मौत को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ। ग्रामीण की ओर से मुआवजे की मांग की गई। आखिरकार ग्रामीणों की मांगों के आगे सीसीएल प्रबंधन और जिला प्रशासन को झुकना पड़ा और मुआवजा देने के लिए तैयार हुआ। यह वार्ता आधी रात के बाद तक चली। शनिवार की रात करीब दो बजे प्रबंधन, प्रशासन और राजनीतिक दलों के बीच हुई वार्ता चली। इसके बाद मृतक के परिजनों और ग्रामीणों ने अपना आंदोलन खत्म कर दिया गया। इसमें मजदूरों के परिजों को कुल 8 लाख रुपये की मुआवजे पर बात बनी है। जिसमें हर मृतक के परिजन को सीसीएल प्रबंधन 1.70 लाख प्रति व्यक्ति रुपये देगी। जबकि जिला प्रशासन 30 हज़ार रुपये प्रति व्यक्ति देगा। इस तरह से कुल 8 लाख रुपये की मुआवजा पर सहमति बनी। इसके अलावा मृतकों के परिजनों को एक एक सदस्य को आउटसोर्सिंग के जरिए काम देने की भी सहमति बनी है। इस सफल बातचीत के बाद परिजनों ने वहां से शवों को उठाकर अपने आंदोलन को खत्म कर दिया। खदान में मरने वाले चार मजदूरों की पहचान मो. इम्तियाज, रामेश्वर मांझी, वकील करमाली और निर्मल मुंडा के रूप में हुई है।
क्या था मामला
करमा के महुआतुंगड़ी के ग्रामीण शनिवार की तड़के सुबह सीसीएल के लीज एरिया करमा परियोजना में कोयला चोरी करने पहुंचे थे। इसी दौरान अवैध खनन करते समय कोयला का एक बड़ा हिस्सा धंस गया। इसमें चार लोग दब गए, जिससे उनकी मौत हो गई। सीसीएल के अधिकारियों ने अपनी गलती को छिपाने के जल्दबाजी पेलोडर लगाकर शव हटाने का प्रयास किया। इसको लेकर ग्रामीणों ने विरोध किया और मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके बाद विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के साथ परिजनों ने शव को पीओ कार्यालय के समक्ष रखकर परिजन और ग्रामीण आधी रात के बाद तक मुआवजे की मांग को लेकर अड़े हुए थे।
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