Hazaribagh : झारखंड स्थापना दिवस के मौके पर पूरे राज्य में अलग-अलग सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। हजारीबाग में छात्रों ने जिले की 5000 साल पुरानी सोहराय कला को अनोखे अंदाज में पेश किया। छात्राओं ने सोहराय कला से सजे परिधानों में सड़क पर कैटवॉक कर लोगों को इस पारंपरिक कला के बारे में जागरूक किया।
सोहराय कला, जिसे जीआई टैग भी मिला है, अब गांव और दीवारों से निकलकर फैशन की दुनिया में अपनी पहचान बना रही है। 10 युवक-युवतियों की टीम ने हाथों से बनाई गई सोहराय पेंटिंग को कपड़ों पर उकेरकर कैटवॉक किया, जिसे देख लोगों ने खूब प्रशंसा की।
तरंग ग्रुप के निदेशक अमित कुमार गुप्ता ने बताया कि उनका उद्देश्य इस कला को घर-घर तक पहुंचाना है। कैटवॉक करने वाली युवतियों का भी कहना है कि जल्द ही सोहराय कला अंतरराष्ट्रीय फैशन मंचों, विशेषकर पेरिस तक अपनी पहचान बना लेगी।

युवाओं की यह पहल सराहनीय है और इसका लक्ष्य है कि यह प्राचीन कला आने वाली पीढ़ियों तक सुरक्षित रहे और और अधिक लोगों तक पहुंचे।
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