Ranchi : टेरर फंडिंग मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने आधुनिक पावर कंपनी के तत्कालीन महाप्रबंधक महेश अग्रवाल की याचिका खारिज कर दी है। यह मामला चतरा के टंडवा स्थित मगध और आम्रपाली कोल परियोजनाओं से जुड़ा हुआ है।
क्या था मामला?
महेश अग्रवाल ने अपने खिलाफ आरोप तय (चार्जफ्रेम) किए जाने और विशेष एनआईए अदालत द्वारा डिस्चार्ज पिटीशन खारिज किए जाने के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। लेकिन हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया। इस मामले में 9 अप्रैल को फैसला सुरक्षित रखा गया था।
एनआईए की जांच और आरोप:
रांची स्थित एनआईए की विशेष अदालत में इस मामले की सुनवाई चल रही है। एनआईए ने फरवरी 2018 में टंडवा थाना कांड संख्या 2/2016 को टेकओवर किया था। जांच के बाद एनआईए ने 17 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है।
जांच में यह पाया गया कि सीसीएल, पुलिस, उग्रवादी और शांति समिति के बीच आपसी समन्वय से टेरर फंडिंग की जा रही थी। तृतीय प्रस्तुति कमेटी (TPC) को अवैध फंडिंग की पुष्टि हुई है। महेश अग्रवाल पर आरोप है कि उन्होंने टीपीसी को लेवी देने के लिए ऊंची दरों पर कोयला ढुलाई का ठेका लिया था।
आरोपियों की सूची:
इस मामले में नामजद अन्य आरोपियों में महेश अग्रवाल (आधुनिक पावर), विनीत अग्रवाल (बीकेबी ट्रांसपोर्ट), सोनू अग्रवाल उर्फ अमित अग्रवाल, कारोबारी सुदेश केडिया, ट्रांसपोर्टर सुधांशु रंजन उर्फ छोटू सिंह, अजय सिंह, मास्टरमाइंड सुभान खान, टीपीसी के जोनल कमांडर आक्रमण उर्फ रवींद्र गंझू उर्फ नेताजी, ब्रजेश गंझू उर्फ गोपाल सिंह भोक्ता, बिंदेश्वर गंझू उर्फ बिंदु गंझू, भीखन गंझू उर्फ दीपक गंझू, प्रदीप राम, विनोद गंझू, मुनेश गंझू, बीरबल गंझू, मुकेश गंझू उर्फ मुनेश्वर गंझू, कोहराम और अनिश्चय गंझू शामिल हैं।
Also Read : BREAKING : रांची के हरिओम टावर समेत कई ठिकानों पर ED की रेड