Patna : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से तेज प्रताप यादव की बेदखली ने न सिर्फ पार्टी में दरार को उजागर कर दिया है, बल्कि लालू परिवार को एक बड़े राजनीतिक संकट में भी धकेल दिया है. इस विवाद में एक नया मोड़ तब आया जब तेज प्रताप से कथित रूप से जुड़े मामले को लेकर अनुष्का यादव के भाई और छात्र रालोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आकाश यादव ने लालू परिवार के खिलाफ खुली चुनौती पेश की.
आकाश यादव ने मीडिया से बातचीत में आक्रामक लहजे में कहा, “अगर हिम्मत है तेजस्वी, लालू और राबड़ी देवी में, तो शिवलिंग हाथ में लेकर कसम खाएं कि मैंने कभी टिकट मांगा है. अगर हमने चिट्ठा खोल दिया, तो सबकी बोलती बंद हो जाएगी.” उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि इस प्रकरण का सम्मानजनक समाधान नहीं निकला, तो ऐसा माहौल बनेगा कि तेजस्वी यादव चुनाव लड़ने की स्थिति में भी नहीं रहेंगे.
पार्टी से निकाले गए तेज प्रताप का समर्थन
आकाश ने साफ शब्दों में कहा कि तेज प्रताप यादव के साथ अन्याय हुआ है. उन्होंने तेजस्वी यादव पर आरोप लगाते हुए कहा कि तेज प्रताप को सिर्फ इसलिए निकाला गया क्योंकि उन्होंने अपने भाई को मुख्यमंत्री बनाने की बात कही और कुछ युवाओं ने “तेज प्रताप जिंदाबाद” के नारे लगाए. आकाश बोले, “जो भी तेज प्रताप यादव जिंदाबाद कहेगा, उसको राजद में खत्म कर दिया जाएगा.”
आकाश यादव ने किया खुलासा
आकाश ने दावा किया कि तेजस्वी और लालू यादव ने उनसे खुद कहा था कि तेज प्रताप को महुआ से हसनपुर ले जाएं. “अब जब वही तेज प्रताप वापस महुआ से लड़ना चाहते हैं, तो उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया?” उन्होंने यह भी कहा कि छात्र राजद में रहते हुए उन्हें बदनाम किया गया और “लड़कियों का सप्लायर” तक कहा गया.
भाई की ओर से खुलकर समर्थन
तेज प्रताप यादव को “ईमानदार और भावुक नेता” बताते हुए आकाश ने कहा, “जब तेजस्वी यादव ने ईसाई लड़की से शादी की, तो तेज प्रताप सबसे पहले उन्हें बधाई देने पहुंचे थे. जब साधु यादव ने तेजस्वी की पत्नी पर टिप्पणी की, तब भी तेज प्रताप ही सामने आए थे.” उन्होंने इसे “कृतघ्नता” करार दिया और कहा कि भगवान भी इस अन्याय को माफ नहीं करेगा.
राजनीतिक तापमान में उबाल
तेज प्रताप यादव की बेदखली के बाद पहली बार लालू परिवार पर इस तरह की तीखी सार्वजनिक टिप्पणी हुई है. आकाश यादव के बयानों से साफ है कि मामला केवल पारिवारिक नहीं बल्कि पूरी तरह राजनीतिक हो चुका है. 2025 के विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र, यह विवाद राजद की एकजुटता और जनाधार को गहरा झटका दे सकता है.
तेज प्रताप यादव की राजद से विदाई एक व्यक्तिगत या पारिवारिक मुद्दा नहीं रह गई है. अनुष्का यादव और उनके भाई आकाश यादव की राजनीतिक एंट्री और बयानों ने इस मसले को पूरी तरह एक हाई-वोल्टेज राजनीतिक ड्रामे में बदल दिया है. आने वाले चुनाव में इसका असर न सिर्फ राजद पर पड़ेगा, बल्कि बिहार की राजनीति की दिशा भी बदल सकता है.
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