Patna : पटना AIIMS में प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग के जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर यजुवेंद्र साहू की मौत 19 जुलाई को संदिग्ध हालात में हुई थी। मौत के तीन दिन बाद भी उनका पोस्टमार्टम नहीं हो सका है। इससे नाराज परिजन सोमवार को शव लेकर पीएमसीएच पहुंचे।
डॉ. यजुवेंद्र साहू ओडिशा के रहने वाले थे। उनके परिजन लगातार तीन दिनों तक एम्स प्रशासन से मिलने की कोशिश करते रहे, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। भाई राकेश कुमार ने आरोप लगाया कि यजुवेंद्र ने आत्महत्या नहीं की, बल्कि उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया और मरने के लिए मजबूर किया गया।
एम्स के रेजिडेंट डॉक्टरों और छात्रों ने भी इस मामले की पारदर्शी और स्वतंत्र जांच की मांग की है। उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर एम्स प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं।
एम्स के पूर्व छात्र प्रेसिडेंट डॉ. तुषार कुमार ने सोशल मीडिया पर इंसाफ की मांग की है। उन्होंने लिखा कि डॉक्टर साहू पर काम का दबाव बहुत ज्यादा था। हफ्ते में कई बार 36 घंटे की शिफ्ट में काम करना पड़ता था, जिससे वे मानसिक रूप से टूट गए।
गौरतलब है कि 19 जुलाई को यजुवेंद्र अपने हॉस्टल रूम में बेहोशी का इंजेक्शन लेकर सो गए थे। काफी देर तक दरवाजा नहीं खुलने पर साथी डॉक्टरों ने सूचना दी। पुलिस की मौजूदगी में दरवाजा तोड़ा गया तो अंदर उनकी लाश मिली। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी।
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