Ranchi : मुख्य सचिव अलका तिवारी ने गुरुवार को शहीद नीलांबर पीतांबर उत्तर कोयल परियोजना (मंडल डैम) की निर्धारित कार्ययोजना के अनुपालन की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कार्ययोजना को धरातल पर उतारने के लिए मूलभूत कार्य यथाशीघ्र शुरू करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि विस्थापित होनेवाले रैयतों को विश्वास में लेकर उनके पुनर्वास की अड़चनों को दूर करें। पुनर्वासित होने से पहले रैयतों को उस स्थान पर मूलभूत सुविधा उपलब्ध करायें।
बता दें कि इस परियोजना के लिए गढ़वा और लातेहार जिले के सात गांवों खैरा, भजना, सनैया, कुटकू, खुरा, चेमो और मेराल के लगभग 750 परिवारों को पुनर्वासित करने का निर्णय लिया गया है। पुनर्वास के दौरान सभी परिवारों को दो किश्तों में 15 लाख रुपये और एक एकड़ जमीन देने पर पूर्व में ही रैयतों के साथ सहमति बन चुकी है। इन्हें रंका प्रखंड में पुनर्वासित करने की योजना है। मुख्य सचिव ने निर्देश दिया है कि पुनर्वासित होने से पहले रैयतों को उस स्थान पर मूलभूत सुविधा उपलब्ध करायें। साथ ही विस्थापित संघर्ष समिति से वार्ता का क्रम जारी रखने और स्थानीय विधायकों से भी पूरे मामले में जनहित के दृष्टिकोण से सहयोग लेने पर बल दिया।
कार्य करने वाली एजेंसी को सुरक्षा दें
मुख्य सचिव ने मंडल डैम के अधूरे काम को पूरा करने वाली चयनित एजेंसी वापकोस (wapcos)को पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था देने का निर्देश दिया है। उन्होंने गढ़वा और लातेहार जिला प्रशासन को आपसी समन्वय से इसके यथाशीघ्र अनुपालन पर बल दिया। एजेंसी ने समीक्षा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था मिलने के दो दिन के भीतर कार्य शुरू करने पर हामी भरी । इस दौरान मुख्य सचिव ने विस्थापितों को मुआवजा भुगतान करने के लिए रिजर्व बैंक में स्पर्श अकाउंट खोलने, सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली के तहत विस्थापितों की मैपिंग की प्रगति की भी समीक्षा की। वहीं परियोजना के दायां मुख्य नहर के दोनों किनारे पर स्थित विद्युत पोलों तथा ट्रांसफार्मर को वहां से हटाने की प्रगति की समीक्षा के दौरान इसमें तेजी लाने का निर्देश दिया।
समीक्षा में ये थे शामिल
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में वित्त सचिव प्रशांत कुमार, वन सचिव अबू बक्कर सिद्दिकी शामिल थे और गढ़वा तथा लातेहार के उपायुक्त तथा आरक्षी अधीक्षक ऑनलाइन जुड़े थे।
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