Ranchi : रांची के वरीय पुलिस अधीक्षक(SSP) कार्यालय के सभागार में ‘बाल-संवेदनशील पुलिसिंग: ज्ञान, दृष्टिकोण और अभ्यास’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यक्रम का आयोजन रांची पुलिस ने यूनिसेफ और CCR-NUSRL के सहयोग से किया।
वर्कशॉप में रांची जिले के अलग-अलग थानों से आए 46 बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों (CWPO) ने भाग लिया। इसका मकसद था कि पुलिस को बच्चों के साथ जुड़े मामलों में और ज्यादा संवेदनशील और सक्षम बनाया जा सके। इस मौके पर SSP चंदन सिन्हा ने सभी थानों को “बाल मित्र थाना” बनाने के निर्देश दिए और कहा कि तीन दिनों के अंदर प्रगति रिपोर्ट दें।
वरिष्ठ पुलिस उपाधीक्षक (DSP) के.वी. रमन ने बताया कि यूनिसेफ और CCR की मदद से सात चरणों में पुलिस अधिकारियों के लिए ट्रेनिंग की योजना है, और ये वर्कशॉप उसका पहला चरण था।
यूनिसेफ की चाइल्ड प्रोटेक्शन स्पेशलिस्ट सुश्री प्रीति श्रीवास्तव ने किशोर न्याय अधिनियम (JJ Act, 2015) के नियमों की जानकारी दी। वहीं यूनिसेफ के गौरव कुमार ने CWPO द्वारा भरे गए फॉर्म का विश्लेषण साझा किया।
वर्कशॉप में बाल विवाह, लैंगिक शोषण और कानून से टकराव में आए बच्चों (CCL) से जुड़े केसों पर चर्चा और केस स्टडी की गई, जिसका संचालन CCR-NUSRL की अपूर्वा अंबष्ठ ने किया।
अंत में प्रतिभागियों के स्किल्स और आने वाले समय की रणनीति पर चर्चा हुई। इस मौके पर पुलिस उपाधीक्षक विजय कुमार सिंह और डॉ. तबरेज़ आलम भी मौजूद थे। उन्होंने बाल संरक्षण में पुलिस की भूमिका को और मज़बूत करने की जरूरत बताई।
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