Jamtara : जिले में लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। इसका सबसे बड़ा असर अब दक्षिण बहाल पुल पर देखने को मिल रहा है, जहां हालात बेहद खतरनाक हो गए हैं। बारिश के कारण इस 45 साल पुराने पुल के 6 पिलर पूरी तरह ध्वस्त हो चुके हैं और पुल कभी भी धराशायी हो सकता है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने इस पुल पर आवागमन को पूरी तरह से रोक दिया है। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि कोई भी व्यक्ति या वाहन इस पुल से न गुजरे, क्योंकि यह जानलेवा साबित हो सकता है।
दक्षिण बहाल पुल, जामताड़ा को देवघर और जिले के दक्षिणी गांवों से जोड़ने वाला एकमात्र प्रमुख मार्ग था। इसके क्षतिग्रस्त होने से दक्षिण बहाल सहित दर्जनों गांवों का जिला मुख्यालय से सीधा संपर्क टूट गया है। ग्रामीणों को अब जामताड़ा पहुंचने के लिए 15 किलोमीटर का लंबा रास्ता तय करना पड़ रहा है, जिससे न केवल समय की बर्बादी हो रही है बल्कि आर्थिक बोझ भी बढ़ गया है।
इस पुल की हालत को लेकर ग्रामीण कई वर्षों से प्रशासन को चेतावनी देते आ रहे थे। बार-बार मरम्मत की मांग की गई, लेकिन इसे नजरअंदाज किया गया। अब हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि यह पुल किसी भी समय पूरी तरह से ढह सकता है, जिससे बड़ी दुर्घटना की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
स्कूल जाने वाले बच्चों, बीमार मरीजों और रोज़मर्रा के काम के लिए शहर आने-जाने वाले लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गांवों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित हो रही है और आपातकालीन सेवाएं भी प्रभावित हो रही हैं।
स्थानीय लोग अब प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि जल्द से जल्द इस मार्ग पर वैकल्पिक व्यवस्था की जाए और पुनर्निर्माण की प्रक्रिया तेज़ी से शुरू हो। अगर समय रहते आवश्यक कदम नहीं उठाए गए, तो यह संकट और गहराता चला जाएगा।
दक्षिण बहाल पुल अब सिर्फ जर्जर नहीं, बल्कि मौत को दावत दे रहा है – सावधानी और त्वरित कार्रवाई ही इसे रोक सकती है।