New Delhi : देश की सुरक्षा तैयारियों को परखने और उन्हें मजबूत करने के लिए आज शाम 5 बजे एक बड़ी मॉक ड्रिल की जाएगी। यह अभ्यास उन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में होगा, जो पाकिस्तान की सीमा से सटे हुए हैं। इनमें पंजाब, राजस्थान, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और चंडीगढ़ शामिल हैं।
यह मॉक ड्रिल पहले 29 मई को प्रस्तावित थी, लेकिन प्रशासनिक कारणों से इसे स्थगित कर आज यानी 31 मई को आयोजित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य सीमावर्ती इलाकों में किसी भी आपात स्थिति या बाहरी खतरे की स्थिति में प्रशासन, आपात सेवाओं और आम जनता की तैयारियों को जांचना है।
क्या होगा मॉक ड्रिल में?
मॉक ड्रिल के दौरान एयर रेड सायरन बजेंगे, ब्लैकआउट (बिजली कटौती) किया जाएगा और आपातकालीन स्थिति से निपटने की तैयारी को परखा जाएगा। खास तौर पर पंजाब के कुछ चिन्हित संवेदनशील इलाकों में पूरी तरह ब्लैकआउट किया जाएगा। हालांकि, अस्पतालों और अन्य आवश्यक सेवाओं को इससे छूट दी गई है।
लोगों को पहले सायरन के जरिए चेतावनी दी जाएगी और फिर सुरक्षा एजेंसियां व आम नागरिक मिलकर अभ्यास करेंगे कि किसी असली खतरे की स्थिति में कैसे और कितनी जल्दी प्रतिक्रिया दी जा सकती है।
ड्रिल की जरूरत क्यों पड़ी?
मिली जानकारी के अनुसार 7 मई को पूरे देश में इसी तरह की एक ड्रिल की गई थी, जिसमें कुछ कमियां सामने आई थीं। अब उन कमजोरियों को दूर करने के लिए और सीमावर्ती इलाकों की विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यह केंद्रित अभ्यास किया जा रहा है।
क्या होगा फायदा?
- सुरक्षा एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल
- नागरिकों को आपातकाल में सही कदम उठाने के प्रति जागरूक करना
- प्रशासन और आपात सेवाओं की प्रतिक्रिया क्षमता में सुधार
- सीमावर्ती इलाकों की सुरक्षा को और मजबूत करना
सरकार का मानना है कि इस तरह के अभ्यास देश की आंतरिक सुरक्षा को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, खासकर तब जब सीमाओं पर खतरे की आशंका बनी रहती है।
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