Johar Live Desk : भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला आज, 25 जून 2025 को इतिहास रचने के लिए तैयार हैं। वह 1984 में राकेश शर्मा के बाद अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए रवाना होने वाले दूसरे भारतीय अंतरिक्ष यात्री होंगे। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने मंगलवार को घोषणा की कि एक्सिओम-4 मिशन के तहत शुभांशु शुक्ला का प्रक्षेपण आज फ्लोरिडा के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39ए से होगा।
एक्सिओम-4 मिशन का विवरण
नासा और स्पेसएक्स के अनुसार, एक्सिओम-4 मिशन का प्रक्षेपण बुधवार तड़के होगा, और आईएसएस के साथ डॉकिंग 26 जून को सुबह करीब 7 बजे (भारतीय समयानुसार शाम 4:30 बजे) होगी। इस वाणिज्यिक मिशन का नेतृत्व कमांडर पैगी व्हिटसन कर रही हैं, जिसमें शुभांशु शुक्ला मिशन पायलट की भूमिका निभाएंगे। उनके साथ हंगरी के टिबोर कापू और पोलैंड के स्लावोज उज्नास्की-विस्नीव्स्की मिशन विशेषज्ञ के रूप में शामिल हैं।
क्यों टलता रहा मिशन?
एक्सिओम-4 मिशन की लॉन्चिंग कई बार स्थगित हुई। शुरू में इसे 29 मई को लॉन्च किया जाना था, लेकिन स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट में ईंधन रिसाव और आईएसएस के रूसी हिस्से में लीकेज के कारण इसे 8, 10, 11, 19 और 22 जून तक टाला गया। नासा ने सिस्टम की जांच और सुधार के बाद अंततः 25 जून की तारीख तय की। स्पेसएक्स ने बताया कि मौसम 90% अनुकूल है और सभी प्रणालियां सुचारू रूप से काम कर रही हैं।
शुभांशु शुक्ला का योगदान
लखनऊ में जन्मे शुभांशु शुक्ला 14 दिनों तक आईएसएस पर रहेंगे, जहां वह इसरो के सात और नासा के पांच प्रयोगों में हिस्सा लेंगे। वह सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण में मेथी और मूंग अंकुरित करने जैसे प्रयोग करेंगे, जिनके बीज धरती पर लौटने के बाद पीढ़ियों तक उगाए जाएंगे। 2019 में शुभांशु को गगनयान मिशन के लिए चुना गया था, और उन्होंने रूस व बंगलूरू में व्यापक प्रशिक्षण लिया।
गगनयान मिशन को मिलेगा लाभ
इसरो के चेयरमैन ने कहा कि एक्सिओम-4 मिशन पर शुभांशु के अनुभव का उपयोग 2027 में प्रस्तावित गगनयान मिशन में किया जाएगा। इस मिशन पर इसरो 550 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है।
देश को गर्व
शुभांशु शुक्ला की यह उपलब्धि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए मील का पत्थर होगी। देशवासियों को उन पर गर्व है, और उनकी इस यात्रा से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान को नई दिशा मिलेगी।
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