New Delhi : मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री विजय शाह को भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करना भारी पड़ गया है. सुप्रीम कोर्ट (SC) ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए आज यानी सोमवार को सुनवाई के दौरान न सिर्फ विजय शाह के माफीनामे को खारिज कर दिया, बल्कि उनके खिलाफ विशेष जांच टीम (SIT) से जांच कराने के आदेश भी दे दिए हैं. तीन सदस्यीय इस SIT में एक महिला IPS अधिकारी को भी शामिल किया जाएगा.
जस्टिस सूर्यकांत और एक अन्य न्यायाधीश की दो सदस्यीय खंडपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी. विजय शाह की ओर से सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह पेश हुए और उन्होंने शाह की तरफ से माफी मांगते हुए दलील दी कि वह अपने बयान पर खेद प्रकट कर चुके हैं. लेकिन कोर्ट इस माफी से संतुष्ट नहीं हुआ. जस्टिस सूर्यकांत ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, “हमने आपका वीडियो मंगवाया है… देखना चाहते हैं कि आपने माफी किस तरह मांगी है. माफी का कोई मतलब होता है, यह सिर्फ कार्रवाई से बचने का तरीका नहीं होना चाहिए. कभी-कभी लोग मगरमच्छ के आंसू बहाते हैं, हमें ऐसी माफी नहीं चाहिए. आपने सेना के सम्मान के खिलाफ बयान दिया है, आपको पद की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए था.”
उन्होंने आगे कहा कि विजय शाह ने “बिना सोचे-समझे बयान दिया और अब न्यायालय की अवमानना से बचने के लिए माफी मांग रहे हैं. आप एक पब्लिक फिगर हैं, बोलते समय अपने शब्दों का ख्याल रखना चाहिए.” कोर्ट ने यह भी कहा कि इस मामले को सामान्य बयानबाजी मानकर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह सेना से जुड़ा एक संवेदनशील मुद्दा है. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, “हम सेना का सम्मान करते हैं और ऐसे मामलों में बेहद जिम्मेदारी से कदम उठाना ज़रूरी है.”
अब इस मामले की गहराई से जांच SIT करेगी, और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में पूरे मामले की विवेचना होगी. कोर्ट के इस सख्त रुख ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि सार्वजनिक पदों पर बैठे व्यक्तियों को बयान देते समय संविधान, गरिमा और ज़िम्मेदारी का पालन करना अनिवार्य है.
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