Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    31 Oct, 2025 ♦ 3:03 PM
    • About Us
    • Contact Us
    • Webmail
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube Telegram WhatsApp
    Johar LIVEJohar LIVE
    • होम
    • देश
    • विदेश
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुड़
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सराइकेला-खरसावां
      • साहेबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • राजनीति
    • बिहार
    • कारोबार
    • खेल
    • सेहत
    • अन्य
      • मनोरंजन
      • शिक्षा
      • धर्म/ज्योतिष
    Johar LIVEJohar LIVE
    Home»धर्म/ज्योतिष»सावन 2022: सजा बाबा बैद्यनाथ का दरबार: 28 मिनट हुई सरकारी पूजा
    धर्म/ज्योतिष

    सावन 2022: सजा बाबा बैद्यनाथ का दरबार: 28 मिनट हुई सरकारी पूजा

    Team JoharBy Team JoharJuly 14, 2022Updated:July 14, 2022No Comments4 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link

    भगवान शिव को प्रिय सावन का आज पहला दिन है। देवघर के बाबा वैद्यनाथ मंदिर में पहले दिन की पहली पूजा 55 मिनट तक हुई है। सुबह 3 बजकर 5 मिनट पर बाबा का पट खुलते ही काचा जल चढ़ाया गया।

    पंडा समाज के द्वारा काचा जल चढ़ाकर बाबा को ठंडा करने की परम्परा है। बाबा को काचा जल चढ़ाकर उनसे पूजा अर्चना के लिए अनुमति ली जाती है, इसके बाद ही बाबा की सरदारी पूजा की जाती है।

    सावन के पहले दिन बाबा को चंदन के लेप के साथ विभिन्न प्रकार के सुगंधित पुष्पों के साथ बेलपत्र अर्पित किया गया। 28 मिनट तक चली सावन की पहली सरकारी पूजा में बाबा की विधिवत मंत्रोच्चार के साथ उपासना की गई। आम भक्तों की पूजा सुबह 4 बजे से शुरू हुई है।

    देवघर के अनुराग पंडा बताते हैं कि बाबा का पट मंत्रों के साथ खोला जाता है। मंत्रोचार के साथ बाबा को पट खोलने के साथ जगाया जाता है।

    इसके बाद बाबा को काचा जल यानी सादा जल से अभिषेक कराया जाता है। पंडा समाज के लोग काचा जल चढ़ाकर बाबा को ठंडा करते हैं, बाबा से पूजा उपासना की अनुमित लेते हैं। इसके बाद बाबा की सरदारी पूजा होती है। सरदारी पूजा में बाबा को पहले चंदन और सुगंधित तेल का लेप किया जाता है।

    इसके बाद पुष्प और बेलपत्र के साथ बाबा के पसंद की सामग्री चढ़ाई जाती है। इसमें दूध दही पंचामृत के साथ अन्य सामग्रियां होती हैं। सरदारी पूजा का नियम है कि बाबा को चढ़ाई जाने वाली हर सामग्री विधिवत चांदी के पात्र में लाई जाती है और विधि विधान से उनपर चढ़ाया जाता है।

    55 मिनट की पूजा के बाद ही किसी का प्रवेश

    बाबा की सरकारी पूजा तो हर दिन होती है, हर दिन का समय भी फिक्स होता है। इसमें 55 मिनट ही लगता है। बाबा के पट खुलने का समय भी पहले से निश्चित रहता है।

    पट भी बाबा के खास पुजारी द्वारा खोला जाता है। यह परम्परा सदियों से चलती चली आ रही है। बाबा के प्रमुख पुजारी बाबा का विधिवत पूजा जब तक नहीं कर लेते हैं, तब तक मंदिर में आम लोगों को प्रवेश नहीं दिया जाता है। बाबा की उपासना के लिए पहले से ही पूरी तैयारी कर ली जाती है।

    रात में दो बजे से ही बाबा की सामग्री की व्यवस्था कर ली जाती है। चांदी की बड़ी थाल में सभी सामग्रियों को सजाकर रखा जाता है और फिर एक एक सामग्री बाबा को अर्पित किया जाता है।

    बाबा बैद्यनाथ की सरदारी पूजा काफी खास होती है। सरकारी पूजा के बाद ही आम भक्तों की उपासना के लिए बाबा से अनुमति मांगी जाती है। इसके बाद श्रद्धालुओं को जलाभिषेक की अनुमति होती है।

    सावन के पहले दिन बाबा की उपासना

    • 3ः05 बजे सुबह बाबा का पट खोला गया
    • 10 मिनट तक लगातार बाबा को काचा जल चढ़ाया गया
    • 3ः15 से बाबा अर्ध्य पूरी तरह से साफ कराया गया
    • 3ः32 बजे से बाबा की सरकारी पूजा आरंभ हुई
    • 4 बजे तक चली बाबा की सरदारी पूजा
    • 4 बजे से सावन के पहले दिन आम भक्तों के लिए मंदिर खुला

    अनुराग पंडा ने बताया कि सावन में भीड़ को देखते हुए स्पर्श पूजा बंद कर दी गई है। बाबा के गर्भ गृह में आम भक्तों के प्रवेश को रोक दिया गया है। बाबा के गर्भ गृह के बाहर अर्घ्य की व्यवस्था की गई है, जहां भक्त अपना जल अर्पित कर रहे हैं जो बाबा को चढ़ रहा है।

    बाबा के दर्शन के लिए प्रागंण में बड़ी बड़ी एलईडी स्क्रीन की व्यवस्था की गई है। सावन के पहले दिन भक्तों की भारी भीड़ रही। सुबह 3 बजे से ही भक्तों की लंबी लाइन लग गई थी।

    भक्तों में काफी उत्साह दिखा और सुबह 3 बजे से ही बोल बम के नारों से मंदिर प्रांगण गूंजता रहा।

    500 रुपए शुल्क देकर भक्त शीघ्र दर्शनम कर सकेंगे।

    रविवार और सोमवार को शीघ्र दर्शनम सेवा बंद रहेगी

    12 किमी दूर से लगेगी लाइन पूजा के लिए।

    100 मीटर दूरी से अरघा से होगा जलार्पण।

    55 से 60 लाख श्रद्धालुओं के इस सावन महीने में पहुंचने की संभावना है।

    500 से अधिक सीसीटीवी कैमरे से मेला परिसर की निगरानी की जाएगी।

    Religion News
    Follow on Facebook Follow on X (Twitter) Follow on Instagram Follow on YouTube Follow on WhatsApp Follow on Telegram
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Previous Article14 जुलाई का राशिफल : जानिए क्या कहते हैं आपके सितारे
    Next Article ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में भारत निर्वाचन आयोग में आज सुनवाई

    Related Posts

    धर्म/ज्योतिष

    Aaj Ka Rashifal, 31 October 2025 : जानें किस राशि का क्या है आज राशिफल

    October 31, 2025
    धर्म/ज्योतिष

    Aaj Ka Rashifal, 30 October 2025 : जानें किस राशि का क्या है आज राशिफल

    October 30, 2025
    धर्म/ज्योतिष

    एक नवंबर को होगा देवउठनी एकादशी, जानें व्रत और पूजा विधि

    October 29, 2025
    Latest Posts

    छठी कक्षा की छात्रा की संदिग्ध मौ’त, परिजनों ने जताई ह’त्या की आशंका

    October 31, 2025

    झारखंड सचिवालय में प्रशासनिक सुधार, सभी कर्मचारियों के लिए कंप्यूटर ज्ञान अनिवार्य…

    October 31, 2025

    सरदार पटेल की 150वीं जयंती : ‘रन फॉर यूनिटी’ में दौड़ा दक्षिण पूर्व रेलवे परिवार

    October 31, 2025

    रांची DC ने सेवानिवृत 10 शिक्षकों को किया सम्मानित, बोले- शिक्षक होते हैं समाज की नींव

    October 31, 2025

    काला नमक : सेहत का खजाना, वजन घटाने और पाचन सुधार में कारगर

    October 31, 2025

    © 2025 Johar LIVE. Designed by Forever Infotech. | About Us | AdSense Policy | Privacy Policy | Terms and Conditions | Contact Us

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.