Gumla : गुमला जिले में 23 वर्षों से आतंक मचाने वाले झांगुर गिरोह के मुखिया रामदेव उरांव को पुलिस ने रांची से गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि अभी आधिकारिक पुष्टि होना बाकी है, लेकिन पुलिस सूत्रों के अनुसार यह ऑपरेशन बेहद गोपनीय तरीके से किया गया।
रामदेव की गिरफ्तारी की खबर मिलते ही गुमला, बिशुनपुर, चौनपुर और घाघरा क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली। ग्रामीण, ठेकेदार और खदान संचालक लंबे समय से उसकी रंगदारी और अत्याचार का सामना कर रहे थे। लोगों का कहना है कि अब इलाके में शांति और सुरक्षा का माहौल बनेगा।
50 से अधिक संगीन मामले दर्ज
रामदेव उरांव पर 2002 से नरसंहार, अपहरण, रंगदारी, गोलीबारी और आगजनी जैसे 50 से अधिक गंभीर मामले दर्ज हैं। 20 जनवरी 2025 को घाघरा के देवरागानी में हुई पुलिस मुठभेड़ में वह फरार हो गया था। उसके बाद से पुलिस लगातार उसकी तलाश में थी।
खुफिया जानकारी के आधार पर रांची में चलाए गए विशेष अभियान के दौरान उसे गिरफ्तार किया गया। पुलिस फिलहाल उसे एक गुप्त स्थान पर रखकर पूछताछ कर रही है। उम्मीद है कि पूछताछ से गिरोह के हथियार, फंडिंग नेटवर्क और सक्रिय सहयोगियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी।
पहले 30 से अधिक हथियारबंद कैडर थे साथ
एक समय रामदेव 30 से अधिक हथियारबंद कैडरों के साथ चलता था। उसने मारकुस मुंडा की हत्या करके गिरोह की कमान अपने हाथ में ली थी। लेकिन पुलिस के लगातार दबाव और कमजोर नेटवर्क के कारण उसकी ताकत धीरे-धीरे घटती गई। गिरफ्तारी के समय वह केवल 5-6 लोगों के सहारे जंगल और शहरी इलाकों में छिपता फिर रहा था।
रामदेव ने छह शादियां की थीं, लेकिन पुलिस दबाव के बाद कई पत्नियां रहस्यमय तरीके से गायब हो गईं। उसका देवरागानी स्थित पैतृक घर कुर्की-जब्ती के बाद खंडहर में बदल चुका है।


