Patna : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच पटना के बेऊर केंद्रीय कारा में गुरुवार की सुबह पुलिस और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने अचानक छापेमारी की। इस कार्रवाई से जेल में बंद कैदियों में हड़कंप मच गया। चुनाव को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और जेल में बंद अपराधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
छापेमारी में क्या मिला?
SSP के नेतृत्व में हुई इस छापेमारी का मकसद जेल में सुरक्षा और अनुशासन बनाए रखना था। इस दौरान गंगा खंड के बाहरी परिसर में जमीन के नीचे गीली मिट्टी से पांच टूटे हुए कीपैड मोबाइल फोन (बिना सिम और बैटरी) बरामद किए गए। इसके अलावा, विशेष सुरक्षा कक्ष के खंड संख्या दस में वेंटिलेशन खिड़की के पीछे एक पुराना ईयरबड भी मिला। इन सामग्रियों के आपराधिक गतिविधियों में इस्तेमाल की आशंका को देखते हुए इन्हें जब्त कर लिया गया।
जेल प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई
जेल प्रशासन ने बताया कि बरामद सामग्री की जांच शुरू कर दी गई है। अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए बेऊर थाने को अनुरोध भेजा गया है। अधिकारियों ने कहा कि यह छापेमारी जेल में सुरक्षा और अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए की गई थी। भविष्य में भी समय-समय पर ऐसी औचक जांच जारी रहेगी ताकि कैदियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।

चुनाव के समय सख्ती जरूरी
चुनाव के दौरान जेल में बंद अपराधियों द्वारा अवैध गतिविधियों की आशंका को देखते हुए प्रशासन सतर्क है। मोबाइल फोन और ईयरबड जैसे उपकरणों का इस्तेमाल बाहर से संपर्क करने या चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी के लिए हो सकता है। इसलिए पुलिस और जेल प्रशासन ने सख्ती बरतने का फैसला किया है।
SP का बयान
पटना के SP ने कहा कि यह छापेमारी जेल में सुरक्षा और अनुशासन बनाए रखने के लिए की गई थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि कैदियों को किसी भी आपराधिक गतिविधि में शामिल होने की इजाजत नहीं दी जाएगी। भविष्य में भी ऐसी औचक जांच जारी रहेगी।
जेल में अनुशासन को मिलेगा बल
जेल प्रशासन के सूत्रों के मुताबिक, इस कार्रवाई से जेल में अनुशासन बनाए रखने में मदद मिलेगी। बरामद सामग्री की जांच में अगर कोई और संदिग्ध गतिविधि सामने आती है, तो तुरंत कदम उठाए जाएंगे। यह छापेमारी यह संदेश देती है कि चुनाव के समय प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और किसी भी गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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