मणिपुर के लिए रवाना हुए राहुल गांधी, दो दिन लोगों से करेंगे बातचीत, नाजुक हालात को समझने की भी करेंगे कोशिश

rahul gandhi

नई दिल्ली : मणिपुर में बीते 55 दिनों से अधिक समय से हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। वहां मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हिंसक संघर्ष जारी है। ऐसे में केंद्र सरकार के साथ सर्वदलीय बैठक के बाद अब राहुल गांधी गुरुवार को मोहब्बत का पैगाम देने के लिए दो दिन के मणिपुर के दौरे पर रवाना हो गए हैं।

राहत शिविरों का दौरा करेंगे राहुल गांधी

राहुल गांधी अपनी यात्रा के दौरान राज्य में बनाए गए राहत शिविरों का दौरा करेंगे और राजधआनी इंफाल और चुराचांदपुर में नागरिक समाज के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत भी करेंगे। राहुल गांधी कुल दो दिन मणिपुर में रहेंगे और वहां की स्थिति और नाजुक हालात को समझने की कोशिश भी करेंगे। मिली जानकारी के अनुसार उनके साथ पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपल भी हैं।

मणिपुर में क्या है राहुल गांधी का कार्यक्रम?

मणिपुर में तीन मई को शुरू हुई हिंसा के बाद से यह कांग्रेस नेता का पूर्वोत्तर के इस राज्य का पहला दौरा है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, इंफाल पहुंचने के बाद राहुल गांधी चूड़ाचांदपुर जिले जाएंगे, जहां वह राहत शिविरों का दौरा करेंगे। इसके बाद वह विष्णुपुर जिले में मोइरांग जाएंगे और विस्थापित लोगों से बातचीत करेंगे। उन्होंने बताया, राहुल गांधी शुक्रवार को इंफाल में राहत शिविरों का दौरा करेंगे और बाद में कुछ नागरिक संगठनों से भी बातचीत करेंगे।

300 से अधिक राहत शिविरों में हैं करीब 50,000 लोग

मणिपुर में इस साल मई में जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद से 300 से अधिक राहत शिविरों में करीब 50,000 लोग रह रहे हैं। गौरतलब है कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हो गईं थी।

मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मैती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है।