Ranchi : शहर में दुर्गा पूजा की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। विभिन्न पूजा समितियां आकर्षक और अनोखे पंडालों का निर्माण तेजी से कर रही हैं। इस बार रांची के पंडाल अपनी खास थीम और भव्यता के लिए चर्चा में हैं। रातू रोड का आरआर स्पोर्टिंग क्लब 85 लाख रुपये की लागत से सबसे महंगा पंडाल बना रहा है, जो शहर में आकर्षण का केंद्र है।
ओसीसी क्लब दुर्गा पूजा समिति, अपर बाजार
ओसीसी क्लब इस बार त्रिमात्रक थीम पर आधारित अनोखा पंडाल बना रहा है, जिसमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश की शक्ति से मां भवानी प्रकट होंगी। 14 फीट ऊंची मां भवानी की प्रतिमा को गंगा की मिट्टी से बनाया गया है, जिसे विशेष आभूषणों से सजाया जाएगा। पंडाल की ऊंचाई 55 फीट और चौड़ाई 125 फीट होगी, जिसमें 12 टन लोहे का उपयोग हो रहा है। मिट्टी से बने हाथी, घोड़े और फाइबर की कलाकृतियां पंडाल को खास बनाएंगी। इसकी लागत करीब 35 लाख रुपये है।
अध्यक्ष राजेश सिंह ने कहा, “यह पंडाल शक्ति के बिना रक्षा और सृष्टि असंभव होने का संदेश देगा।”
गीतांजलि क्लब दुर्गा पूजा समिति, मोरहाबादी
गीतांजलि क्लब अपनी 49वीं वर्षगांठ पर गजराज थीम पर पंडाल बना रहा है। इस बार मां भवानी हाथी पर सवार होकर भक्तों को दर्शन देंगी। पंडाल की ऊंचाई 40 फीट और चौड़ाई 50 फीट होगी, जिसके निर्माण में 20 लाख रुपये खर्च होंगे। इसमें 8 लाख रुपये पंडाल, 2.5 लाख रुपये प्रतिमा, 2.5 लाख रुपये लाइटिंग और 51 हजार रुपये साउंड सिस्टम पर खर्च किए जाएंगे। बंगाल के कारीगर दिन-रात पंडाल को आकर्षक बनाने में जुटे हैं।
अध्यक्ष मनोज गुप्ता ने बताया, “हाथी के पैरों से भक्त पंडाल में प्रवेश करेंगे, जो मां के दर्शन को शुभ बनाएगा।”
श्री दुर्गा पूजा एवं रावण दहन समिति, अरगोड़ा
अरगोड़ा में 21 हजार किताबों से अनोखा पंडाल बनाया जा रहा है, जो रामायण और महाभारत की थीम पर आधारित है। पंडाल गुरुकुल की तरह होगा, जिसमें वृक्ष के नीचे बच्चे पढ़ते दिखेंगे। 15 फीट ऊंची किताबों की दीवारें और किताबों के स्टॉल पंडाल को खास बनाएंगे। निर्माण लागत करीब 35 लाख रुपये है।
उपाध्यक्ष सुमित साहू ने कहा, “यह पंडाल पढ़ाई-लिखाई की थीम पर आधारित है और पूरी तरह अनोखा होगा।”
आरआर स्पोर्टिंग क्लब, रातू रोड
रातू रोड का आरआर स्पोर्टिंग क्लब 85 लाख रुपये की लागत से इटली के वेटिकन संग्रहालय की थीम पर पंडाल बना रहा है, जो शहर का दूसरा सबसे महंगा पंडाल है। पंडाल की लंबाई 100 फीट और चौड़ाई 45 फीट होगी। यह पूरी तरह इको-फ्रेंडली है, जिसमें धार्मिक केंद्र, कला और इतिहास की झलक दिखेगी। 70-80 कारीगर दिन-रात निर्माण में जुटे हैं। भव्य लाइटिंग और खाने-पीने के स्टॉल लोगों को आकर्षित करेंगे।
अध्यक्ष राहुल यादव ने बताया, “यह पंडाल अपनी भव्यता और थीम के लिए लोगों की पहली पसंद होगा।”
शहरवासी इन पंडालों को देखने के लिए उत्साहित हैं। बंगाल के कारीगरों और स्थानीय समितियों की मेहनत से इस बार दुर्गा पूजा का उत्सव और भी भव्य होने की उम्मीद है।
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