
Patna : बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हो गए हैं। राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने और अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है।
आधार डेटा गिरोह का खुलासा
आर्थिक अपराध इकाई (EOU) के एडीजी नैय्यर हसनैन खान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि मधेपुरा जिले से तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ये आरोपी रामप्रवेश कुमार, विकास कुमार और मिथिलेश कुमार फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों का आधार डेटा चुराते थे और उसका गलत इस्तेमाल करते थे। हैरानी की बात यह है कि इन लोगों ने यह सब गूगल और यूट्यूब से सीखकर किया। यह देश का पहला ऐसा मामला है, जिससे सबक लेते हुए सरकार को अब सख्त मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) बनाने की जरूरत है।
नशे का नेटवर्क उजागर
एडीजी ने बताया कि बिहार में मादक पदार्थों की तस्करी सीमावर्ती राज्यों से हो रही है। खासकर नागालैंड, नॉर्थ-ईस्ट, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और नेपाल से नशा पहुंच रहा है। पुलिस की प्राथमिकता है कि चुनाव के समय इन अवैध धंधों पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए। इसके लिए सीमावर्ती जिलों में बड़े स्तर पर बैठकें होंगी और आम लोगों की भागीदारी से जन-जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा।
पेपर लीक माफिया पर कार्रवाई
पुलिस ने नीट पेपर लीक मामले में शामिल अश्विनी कुमार उर्फ बबलू को गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला है कि वह SSC परीक्षाओं में भी गड़बड़ी में शामिल रहा है। इससे पेपर माफिया नेटवर्क की और परतें खुलने की संभावना है।
पुलिस का एक्शन मोड
एक ही दिन में तीन बड़े मामलों का खुलासा कर बिहार पुलिस ने साफ कर दिया है कि वह चुनाव के दौरान अपराधियों पर सख्त कार्रवाई के लिए पूरी तरह तैयार है। एडीजी नैय्यर हसनैन खान ने कहा, “हमारा मकसद है कि राज्य में चुनाव शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से हों। इसके लिए एक मजबूत कार्ययोजना बनाई गई है और उस पर सख्ती से अमल होगा।”
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