लालकिले की प्राचीर पर पीएम मोदी ने फहराया राष्ट्रीय ध्वज, बोले-21वीं सदी का दशक हमारे सपनों को पूरा करने का दशक होना चाहिए

Joharlive Desk

नई दिल्ली । स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पीएम मोदी ने लाल किले के प्राचीर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया । वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी अपने सरकारी आवास पर झंडारोहण किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए कहा कि अगले वर्ष हम अपनी आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर जाएंगे। एक बहुत बड़ा पर्व हमारे सामने है। आजादी के जब 75 वर्ष पूरे होंग तब उसे संकल्पों की मूर्ति के महापर्व के रूप में मनाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान देश के शहीदों को याद किया। प्रधानमंत्री ने 74 वें स्वतंत्रता दिवस के भाषण की शुरूआत कोरोना वारियर्स के प्रति आभार जताते हुए की। उन्होंने कहा, कोरोना के इस असाधारण समय में सेवा परमो धर्म: की भावना के साथ अपने जीवन की परवाह किए बिना हमारे डॉक्टर्स, नर्से, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस कर्मी, सफाई कर्मचारी, पुलिसकर्मी, सेवाकर्मी जैसे अनेकों लोग चौबीसों घंटे लगातार काम कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गुलामी का कोई कालखंड ऐसा नहीं था जब हिंदुस्तान में किसी कोने में आजादी के लिए प्रयास नहीं हुआ हो, प्राण अर्पण नहीं हुआ हो। आज जो हम स्वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं उसके पीछे मां भारती के लाखों बेटे-बेटियों का त्याग बलिदान और मां भारती को आजाद कराने का समर्पण है। आज ऐसे सभी स्वतंत्रता सेनानियों को, वीर शहीदों को नमन करने का ये पर्व है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विस्तारवाद की सोच ने सिर्फ कुछ देशों को गुलाम बनाकर ही नहीं छोड़ा, भीषण युद्धों और भयानकता के बीच भी भारत ने आजादी की जंग में कमी और नमी नहीं आने दी।

इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7वीं बार लालकिले पर झंडा फहराया और देशवासियों को संबोधित किया। अपने 86 मिनट के भाषण में पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत, कोरोना संकट, आतंकवाद, विस्तारवाद, संप्रभुता, रिफॉर्म, मध्यमवर्ग, महिलाओं, किसानों, कामगारों और कश्मीर से लेकर लेह-लद्दाख तक का विशेष रूप से जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में पड़ोसी देशों की एक नई परिभाषा भी दी। उन्होंने कहा कि भौगोलिक सीमा से जुड़े देश ही पड़ोसी नहीं हैं, बल्कि जिनसे हमारे दिल मिलते हैं, जो हमारी तरह समान विचारधारा रखते हैं, वह भी हमारे पड़ोसी हैं। पीएम ने यह भी कहा कि कोरोना महामारी इतनी बड़ी विपत्ति नहीं कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को रोक पाए। इसके साथ ही उन्होंने नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के शुरू होने का एलान भी किया। पीएम मोदी ने भारत को वैश्विक पटल पर लाने की तमाम योजनाओं, संकल्पों और कार्यों के बारे में भी बताया। आइए जानते हैं उनके भाषण से जुड़ी बड़ी और बेहद महत्वपूर्ण बातें…

भारत ने असाधारण समय में असंभव को संभव किया
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आज भारत ने असाधारण समय में असंभव को संभव किया है। इसी इच्छाशक्ति के साथ प्रत्येक भारतीय को आगे बढ़ना है। वर्ष 2022, हमारी आजादी के 75 वर्ष का पर्व, अब बस आ ही गया है। उन्होंने कहा, 21वीं सदी के इस दशक में अब भारत को नई नीति और नई रीति के साथ ही आगे बढ़ना होगा। अब साधारण से काम नहीं चलेगा। 

आने वाले पांच साल देश की आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए होगा
पीएम मोदी ने कहा, बीते वर्ष मैंने यहीं लाल किले से कहा था कि पिछले पांच साल देश की अपेक्षाओं के लिए थे, और आने वाले पांच साल देश की आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए होंगे। बीते एक साल में ही देश ने ऐसे अनेकों महत्वपूर्ण फैसले लिए, अनेकों महत्वपूर्ण पड़ाव पार किए। 

एनसीसी का विस्तार 173 बॉर्डर और तटीय जिलों तक होगा
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, अब एनसीसी का विस्तार देश के 173 बॉर्डर और तटीय जिलों तक सुनिश्चित किया जाएगा। इस अभियान के तहत करीब 1 लाख नए एनसीसी कैडेट्स को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें भी करीब एक तिहाई बेटियों को ये स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी।

1000 दिन में लक्षद्वीप को सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल से जोड़ा जाएगा
पीएम मोदी के देश के द्वीपों को लेकर कहा, अगले 1000 दिन में लक्षद्वीप को भी सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल से जोड़ दिया जाएगा।