Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    18 Jun, 2025 ♦ 5:20 PM
    • About Us
    • Contact Us
    • Webmail
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube Telegram WhatsApp
    Johar LIVEJohar LIVE
    • होम
    • देश
    • विदेश
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुड़
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सराइकेला-खरसावां
      • साहेबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • राजनीति
    • बिहार
    • कारोबार
    • खेल
    • सेहत
    • अन्य
      • मनोरंजन
      • शिक्षा
      • धर्म/ज्योतिष
    Johar LIVEJohar LIVE
    Home»जोहार ब्रेकिंग»पाकुड़ : क्षेत्र की जनता को है एक अदद मसीहा की तलाश, पढ़ें पूरी रिपोर्ट
    जोहार ब्रेकिंग

    पाकुड़ : क्षेत्र की जनता को है एक अदद मसीहा की तलाश, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

    Team JoharBy Team JoharNovember 15, 2019No Comments2 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link

    JoharLive Team

    पाकुड़ । एक बार फिर से चुनावी डंक बज चुका है। राजनीतिक पार्टियों ही नहीं आम जनता भी काफी उधेड़बुन में है कि वह किसे वोट दें। ऐसा नहीं कह सकते कि पाकुड़ में विकास नहीं हुआ है, लेकिन अबतक किसी भी विधायक ने अपने स्तर से क्षेत्र में विकास के लिए ऐसा कुछ नहीं है, जिसे उपलब्धि के तौर पर गिना जा सके। पाकुड़ ने हाजी ऐनुल हक, आलमगीर आलम, अकील अख्तर और बेनी प्रसाद गुप्ता जैसे कद्दावर विधायकों को दिया है, लेकिन इन लोगों के खाते में भी विकास के नाम पर कोई खास उपलब्धि गिनाई नहीं जा सकती।

    उल्लेखनीय है कि पाकुड़ अल्पसंख्यक बहुल विधानसभा क्षेत्र है। यहां के अल्पसंख्यक गरीब एवं मजदूर तबके के हैं। इनके लिए रोजगार सबसे बड़ी आवश्यकता है। बिजली,पानी,सड़क,स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं को अगर छोड़ भी दें तो रोजगार पाकुड़ विधानसभा के लिए सबसे बड़ी आवश्यकता है। साहेबगंज से लेकर पाकुड़ जिला तक बीड़ी व पत्थर उद्योगों का जाल फैला हुआ था। इस क्षेत्र में पहले दर्जनों बीड़ी कंपनियां थीं। सरकारी नियमों एवं गलत नीतियों ने उन बीड़ी कंपनियों को लील लिया। स्वाभाविक रूप से यहां के मज़दूरों के हाथों से घरेलू या कुटीर उद्योग के रूप में प्राप्त बीड़ी बनाने का रोजगार भी फिसल गया। दूसरा सबसे बड़ा पत्थर उद्योग भी गलत सरकारी नीतियों व लालफीताशाही के पंजे में अंतिम सांसें गिन रहा है। इस क्षेत्र में भी बेरोजगारी अपना पांव पसारने लगा है। ऐसी स्थिति में मतदाता उधेड़बुन में हैं कि वो किसे अपना प्रतिनिधि चुनें।

    #Online news jharkhand Latest news
    Follow on Facebook Follow on X (Twitter) Follow on Instagram Follow on YouTube Follow on WhatsApp Follow on Telegram
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Previous Articleआसान हुआ जीएसटी रिटर्न फॉर्म, केंद्र सरकार ने बढ़ा दी जमा करने की तारीख
    Next Article झारखंड विधानसभा चुनाव : राज्य में भाजपा का चुनावी इतिहास उतार चढ़ाव का रहा है

    Related Posts

    जमशेदपुर

    जमशेदपुर में बिना हेलमेट नहीं मिलेगा पेट्रोल, सड़क सुरक्षा को लेकर प्रशासन का सख्त फैसला

    June 18, 2025
    झारखंड

    टाटानगर-हटिया-टाटानगर एक्सप्रेस 30 जून तक रहेगी बंद

    June 18, 2025
    झारखंड

    20 जून को होगी झारखंड कैबिनेट की बैठक

    June 18, 2025
    Latest Posts

    जमशेदपुर में बिना हेलमेट नहीं मिलेगा पेट्रोल, सड़क सुरक्षा को लेकर प्रशासन का सख्त फैसला

    June 18, 2025

    टाटानगर-हटिया-टाटानगर एक्सप्रेस 30 जून तक रहेगी बंद

    June 18, 2025

    20 जून को होगी झारखंड कैबिनेट की बैठक

    June 18, 2025

    प्रेमिका की गला रे’तकर ह’त्या, सूटकेस में भरकर फेंकी बॉडी, आरोपी गिरफ्तार

    June 18, 2025

    BREAKING : भारी बारिश को लेकर 19 जून को बंद रहेंगे रांची के सभी स्कूल

    June 18, 2025

    © 2025 Johar LIVE. Designed by Forever Infotech.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.