Ranchi : सरकार ने एक ऐसा बड़ा कदम उठाया है जो देश के करोड़ों रिटायर्ड सरकारी कर्मचारियों को सीधे तौर पर प्रभावित कर सकता है. लोकमत की एक रिपोर्ट के मुताबिक, संसद ने फाइनेंस एक्ट 2025 को पारित कर दिया है, जिसके तहत अब रिटायर्ड कर्मचारियों को न तो महंगाई भत्ता (DA) में बढ़ोतरी मिलेगी और न ही भविष्य के पे कमिशन जैसे 8वां पे कमिशन का कोई फायदा मिलेगा.
फाइनेंस एक्ट 2025 के अनुसार:
- रिटायर्ड कर्मचारियों को अब DA में कोई बढ़ोतरी नहीं मिलेगी.
- उन्हें आने वाले किसी भी पे कमिशन, जैसे 8वें पे कमिशन, से कोई लाभ नहीं मिलेगा.
- भविष्य में अगर सरकार कोई बढ़ोतरी करती भी है, तो वह तत्काल प्रभाव से लागू होगी, पीछे की तारीख से कोई एरियर नहीं दिया जाएगा.
- इस फैसले को कानूनी चुनौती नहीं दी जा सकेगी.
सरल भाषा में कहें तो, सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले फायदे अब सरकारी जिम्मेदारी नहीं होंगे.
रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए क्या है इसका मतलब?
अब तक रिटायर्ड सरकारी कर्मचारियों को 1972 के पेंशन कानून के तहत पेंशन और DA बढ़ोतरी मिलती रही है. 1982 में सुप्रीम कोर्ट की एक ऐतिहासिक बेंच ने यह फैसला दिया था कि हर रिटायर्ड कर्मचारी को बराबरी का हक मिलना चाहिए, और उन्हें अंतिम वेतन का कम से कम 50% पेंशन के रूप में मिलना चाहिए. इसी फैसले के बाद हर साल 17 सितंबर को ‘पेंशनर्स डे’ के रूप में भी मनाया जाता है.
लेकिन फाइनेंस एक्ट 2025 के लागू होने के बाद, यह पुराना ढांचा अब लागू नहीं रहेगा. अब सरकार चाहे तो खुद से कोई पेंशन या भत्ते में बढ़ोतरी कर सकती है, लेकिन यह सरकारी विवेक पर आधारित होगी, कोई अधिकार नहीं होगा.
क्यों उठ रही है नाराजगी?
रिटायर्ड कर्मचारियों और उनके संगठनों में इस बदलाव को लेकर गहरी नाराजगी है. उनका मानना है कि सरकार ने 1982 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अप्रभावी बना दिया है और पेंशन को अधिकार की बजाय कृपा का विषय बना दिया है.
क्या यह बदलाव लागू हो गया है?
फिलहाल सरकार की ओर से इस पर कोई आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है. रिपोर्ट्स के आधार पर ही यह खबर सामने आई है. इसलिए पेंशनर्स और उनके परिवारों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले सरकारी पुष्टि का इंतजार करें.
फाइनेंस एक्ट क्या होता है?
हर साल संसद फाइनेंस एक्ट पास करती है, जिसमें सरकार के बजट प्रस्तावों को लागू करने का कानूनन प्रावधान होता है. इसमें टैक्स, शुल्क और वित्तीय नियमों से जुड़े सभी बदलाव शामिल होते हैं. इस एक्ट के जरिए सरकार तय करती है कि पूरे साल में राजस्व कैसे जुटाया जाएगा और कहां खर्च होगा.
अगर यह बदलाव वाकई लागू होता है, तो यह रिटायर्ड सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ा झटका होगा. यह सिर्फ वित्तीय नुकसान नहीं, बल्कि सम्मान और अधिकारों पर भी आघात होगा. अब सबकी नजरें सरकार की आधिकारिक घोषणा पर टिकी हैं.
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