Jehanabad : बिहार के जहानाबाद जिले में जमीन रजिस्ट्री को लेकर बड़ा बदलाव किया गया है। निबंधन विभाग ने जिले के 43 मौजों (गांवों) में अब बिना भौतिक सत्यापन के जमीन की रजिस्ट्री नहीं करने का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य रजिस्ट्री में पारदर्शिता लाना और राजस्व की हेराफेरी रोकना है।
अब एक विशेष टीम रजिस्ट्री से पहले मौके पर जाकर जमीन की स्थिति और दस्तावेजों की जांच करेगी। पहले जमीन मालिक के बयान के आधार पर ही रजिस्ट्री हो जाती थी, जिससे गड़बड़ियों की संभावना रहती थी।
नए नियम के तहत जहानाबाद अंचल के 13, काको के 27, मखदुमपुर के एक और रतनी फरीदपुर के दो मौजों में यह नियम लागू होगा। टीम यह जांचेगी कि जमीन आवासीय है या कृषि योग्य, जिससे सही स्टांप शुल्क लगाया जा सके।
पिछले साल 122 मामलों में हुई थी हेराफेरी
वित्तीय वर्ष 2024-25 में निबंधन विभाग ने 106% राजस्व लक्ष्य हासिल किया और 122 मामलों में हेराफेरी पकड़कर 2.96 करोड़ रुपये की वसूली की। कई जगहों पर आवासीय जमीन को कृषि भूमि बताकर कम स्टांप शुल्क दिया जा रहा था।
इस बार का लक्ष्य और सख्ती
सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 62.94 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य तय किया है। इसे पाने के लिए विभाग ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है।
यह पहल न केवल सरकारी खजाने को मजबूत करेगी, बल्कि आम लोगों को भी जमीन से जुड़े धोखाधड़ी से बचाएगी। यह बिहार में पारदर्शी भूमि व्यवस्था की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
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