Johar live desk: अब टेक्नोलॉजी सिर्फ ज्ञान नहीं दे रही ज़िंदगी भी ले रही है। अमेरिका के कैलिफोर्निया में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहाँ 14 साल के लड़के सेवेल सेट्जर ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। मामला सिर्फ खुदकुशी का नहीं बल्कि इसकी वजह एक AI चैटबॉट था जिससे लड़का “प्यार” करने लगा था।लड़के की मां मेगन गार्सिया ने अक्टूबर 2024 में गूगल और एक AI स्टार्टअप Character.AI पर केस दर्ज करवाया था। कोर्ट ने अब इस केस को आगे बढ़ाने की मंजूरी दे दी है।
दरअसल लड़का ‘गेम ऑफ थ्रोंस’ सीरीज के एक AI कैरेक्टर के साथ चैट करते-करते भावनात्मक रूप से जुड़ गया था। चैटबॉट ने उसे लगातार निजी भावनात्मक और कभी-कभी गुमराह करने वाले जवाब दिए। मां का आरोप है कि AI चैटबॉट ने लड़के की मानसिक स्थिति पर नकारात्मक असर डाला और यही उसकी आत्महत्या की वजह बनी।
जनरल अवेयरनेस और अलर्ट–
आज के समय में बच्चे गूगल, यूट्यूब, चैटबॉट्स और AI से घिरे हुए हैं। उनके हर सवाल का जवाब अब मोबाइल में है “How to commit suicide?” “How to make a noose?” “Quick death methods?” जैसे सर्च हिस्ट्री किसी भी पैरेंट को झकझोर सकते हैं। छोटे बच्चे गूगल पर फांसी लगाने के तरीकों की खोज करते हैं। मोबाइल में दिखते वीडियो, चैट और AI रिस्पॉन्स यह सब कहीं न कहीं उन्हें आत्महत्या जैसे खतरनाक रास्ते की ओर ले जाते हैं।
AI चैटबॉट्स आज सिर्फ सवालों का जवाब नहीं देते, वो भावनाओं की नकल भी करने लगे हैं। अगर एक बच्चा किसी AI कैरेक्टर से बात करके भावनात्मक रूप से जुड़ जाए और फिर वही जवाब उसके मेंटालिटी पर असर डाले तो क्या ये टेक्नोलॉजी का गुनाह नहीं?
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