Patna : बिहार के शिक्षा विभाग ने स्कूलों में शैक्षणिक माहौल को बेहतर बनाने के लिए प्रधानाध्यापकों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। नए आदेश में कहा गया है कि प्रधानाध्यापकों को समय पर स्कूल पहुंचना होगा, शिक्षकों की उपस्थिति और छुट्टियों पर नजर रखनी होगी, कक्षाओं का निरीक्षण करना होगा और महापुरुषों के सम्मान को बढ़ावा देना होगा। लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।
प्रमुख निर्देश
राज्य शिक्षा शोध प्रशिक्षण परिषद की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि स्कूलों में शैक्षणिक माहौल की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापकों की है। उन्हें हर दिन स्कूल शुरू होने से 10 मिनट पहले पहुंचना होगा ताकि शिक्षकों और छात्रों की समयबद्धता सुनिश्चित हो। प्रधानाध्यापकों को चेतना सत्र और स्कूल की सफाई में हिस्सा लेना होगा। स्कूल में एक स्पष्ट रूटीन बनाया जाए, जो हर कक्षा में लागू हो।
कक्षा और अनुशासन पर जोर
आदेश में सभी कक्षाओं में घड़ी लगाने और बच्चों को समय देखना सिखाने का निर्देश दिया गया है। स्कूल में घंटी की व्यवस्था ऐसी हो कि रूटीन के अनुसार विषय बदल सकें। शिक्षकों की कमी होने पर बहुवर्गीय कक्षाएं चलाई जा सकती हैं। शिक्षकों की छुट्टियों पर सख्ती बरतने को कहा गया है। एक साथ कई शिक्षकों को छुट्टी नहीं दी जाएगी, और आंशिक अवकाश पर रोक लगाई गई है। आपात स्थिति में ही छुट्टी दी जाएगी। महीने में तीन बार देर से आने पर शिक्षक का एक दिन का वेतन काटा जा सकता है।
स्वच्छता और शिक्षण की जिम्मेदारी
प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया गया है कि वे बच्चों और शिक्षकों में शौचालय के उपयोग के बाद पानी डालने की आदत डालें। शिक्षकों की उपस्थिति पंजी में अनुपस्थित शिक्षकों के नाम पर क्रॉस चिह्न लगाना अनिवार्य होगा। फोन पर केवल आपात स्थिति में ही छुट्टी मंजूर की जाएगी।
शिक्षण और निरीक्षण पर जोर
प्रधानाध्यापकों को अपने विषयों का गहन ज्ञान रखने और नियमित स्वाध्याय करने का निर्देश दिया गया है। उन्हें कक्षाओं का नियमित निरीक्षण करना होगा और कमियों को दूर करना होगा। श्यामपट्ट को नियमित रूप से काला करने और चॉक-डस्टर की कमी न होने देने का भी आदेश है। प्रधानाध्यापकों को खुद भी कक्षाओं में पढ़ाने के लिए कहा गया है।
महापुरुषों का सम्मान
आदेश में कहा गया है कि प्रधानाध्यापक के कक्ष में देश के महापुरुषों की तस्वीरें लगानी होंगी। स्कूल की दीवारों पर उनके प्रेरक स्लोगन लिखे जाएंगे। महापुरुषों की जयंती और पुण्यतिथि पर उनके योगदान को बच्चों को बताया जाएगा।
लापरवाही पर कार्रवाई
शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि इन आदेशों का पालन न करने वाले प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह कदम बिहार के स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता और अनुशासन को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।