Ranchi : राज्य में युवाओं के बीच बढ़ते नशे की लत को लेकर झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने गहरी चिंता जताई है। रांची स्थित केंद्रीय मनोचिकित्सा संस्थान (CIP) में आयोजित नशा मुक्ति कार्यक्रम के दौरान मंत्री ने कहा कि नशे की प्रवृत्ति युवाओं को बर्बादी की ओर धकेल रही है और यह अब बेहद गंभीर सामाजिक संकट बन चुका है।
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “आज के बच्चे खुलेआम कफ सिरप, नशीली गोलियों और ड्रग्स का सेवन कर रहे हैं। यह देखकर बेहद दुख होता है कि हमारी युवा पीढ़ी किस दिशा में जा रही है।” मंत्री ने यह भी कहा कि नशे की प्रवृत्ति रोकने के लिए केवल जागरूकता अभियान पर्याप्त नहीं है इसके लिए ठोस पुलिस कार्रवाई भी जरूरी है।
मंत्री अंसारी ने कार्यक्रम में उपस्थित पुलिस अधिकारियों की ओर इशारा करते हुए कहा, “राज्य के बच्चों को नशे के अड्डों की जानकारी है लेकिन पुलिस को नहीं। यह कैसे संभव है? इससे साफ है कि पुलिस की कार्यप्रणाली में खामियां हैं।” उन्होंने पुलिस से नशा बेचने वालों के खिलाफ सख्त और प्रभावी कार्रवाई की मांग की।
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि नशे की समस्या केवल प्रतिबंध लगाने से नहीं सुलझेगी। उन्होंने बिहार का उदाहरण देते हुए कहा, “बिहार में शराबबंदी है लेकिन वहां सबसे ज्यादा शराब पी जा रही है। इसका मतलब है कि कानून से ज्यादा जरूरी है जागरूकता और सामाजिक भागीदारी।”
डॉ. अंसारी ने कहा कि सरकार को शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर एक व्यापक रणनीति बनानी चाहिए ताकि युवाओं को नशे की गिरफ्त से बाहर निकाला जा सके। उन्होंने स्कूलों और कॉलेजों में जागरूकता अभियान चलाने मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त करने और नशे के इलाज के लिए समर्पित केंद्रों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया।
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