Ranchi : जेष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि को राजधानी रांची के जगन्नाथपुर मंदिर में महाप्रभु जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा का भव्य स्नान उत्सव पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया जायेगा। आज यानी बुधवार को महास्नान पूर्णिमा के मौके पर वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच भगवानों को 108 पवित्र जलघड़ों से स्नान कराया जायेगा।
108 मंगल आरतियां
स्नान से पहले मंदिर में प्रातः 6 बजे मंगल आरती की गई। इसके बाद दोपहर 1 बजे से 1:45 बजे तक स्नान यात्रा पूजन होगा। दोपहर 1:50 बजे आरती के बाद श्रद्धालु दोपहर 2:00 बजे से 3:30 बजे तक जलाभिषेक कर सकेंगे। इसके पश्चात 108 मंगल आरतियां, श्री जगन्नाथ अष्टकम और गीता पाठ का आयोजन होगा। संध्या 4 बजे के बाद भगवान एकांतवास में चले जायेंगे।
स्नान यात्रा के बाद ‘बीमार’ होते हैं भगवान
धार्मिक मान्यता के अनुसार स्नान यात्रा के बाद भगवान जगन्नाथ ‘बीमार’ हो जाते हैं और 15 दिनों तक एकांतवास में रहते हैं। इस दौरान मंदिर में केवल राधा-कृष्ण के दर्शन होते हैं। भगवान को इस दौरान विशेष जड़ी-बूटियों से उपचारित किया जाता है।
26 जून को नेत्रदान
भगवान का एकांतवास 26 जून को समाप्त होगा, जिस दिन नेत्रदान और मंगल आरती का आयोजन किया जायेगा। 27 जून को भव्य रथ यात्रा निकाली जायेगी, जिसमें भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा रथ पर सवार होकर मौसीबाड़ी के लिए प्रस्थान करेंगे।
गुंडिचा भोग और घुरती रथ यात्रा
रथ यात्रा के क्रम में पांच जुलाई को गुंडिचा भोग और छह जुलाई को घुरती रथ यात्रा आयोजित होगी। मंदिर के प्रथम सेवक ठाकुर सुधांशु नाथ शाहदेव ने मीडिया को बताया कि रथों की मरम्मत का कार्य अक्षय तृतीया (30 अप्रैल) से प्रारंभ कर दिया गया था। यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि सांस्कृतिक विरासत का भी जीवंत प्रतीक है, जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक हर वर्ष रांची पहुंचते हैं।
Also Read : नशेड़ी बेटे ने माता-पिता को रॉड और डंडे से पीटकर किया अधमरा… जानें क्यों