Ranchi : झारखंड में लीची की खेती को बढ़ावा देने के लिए 336 पंचायतों का चयन कर लिया गया है। इन पंचायतों में लीची के पौधे लगाने की पूरी तैयारी हो चुकी है। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय इस योजना में तकनीकी सलाह दे रहा है।
आम की खेती में सफलता के बाद अब लीची पर जोर
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय की सलाह पर पहले झारखंड में आम की खेती शुरू की गई थी, जिसके शानदार नतीजों ने राज्य को आम की खेती में आत्मनिर्भर बना दिया। अब इसी तर्ज पर लीची की खेती को बढ़ाने की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।
मनरेगा से होगा पूरा खर्च
मनरेगा योजना के तहत इन 336 पंचायतों में लीची के पौधे लगाए जाएंगे। पौधों की खरीद, श्रमिकों का भुगतान और सामग्री के लिए फंड मनरेगा से ही उपलब्ध होगा। बागवानी मिशन से पौधे खरीदे जाएंगे, क्योंकि इनकी गुणवत्ता पर भरोसा है और विभाग को छूट भी मिलती है।
पांच साल तक पौधों की देखभाल
इस योजना की खास बात यह है कि पौधों की देखभाल अगले पांच साल तक मनरेगा के तहत ही की जाएगी। झारखंड देश का पहला राज्य है, जहां मनरेगा के तहत लगाए गए पौधों की इतने लंबे समय तक देखरेख की जाएगी।
किसानों को होगा फायदा
इस पहल से न केवल लीची की खेती को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय किसानों और श्रमिकों को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे। यह योजना झारखंड को लीची उत्पादन में भी आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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