Johar Live Desk : इस साल ला-नीना के प्रभाव से सर्दी का मौसम और सख्त होने वाला है। ठंड का यह मौसम न सिर्फ तापमान को कम करेगा, बल्कि हमारे मन, नींद और ऊर्जा के स्तर पर भी गहरा असर डालेगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि ठंड बढ़ने से मूड, नींद का पैटर्न और शारीरिक ऊर्जा प्रभावित हो सकती है। आइए, जानते हैं इसका कारण और बचाव के उपाय।
ठंड क्यों प्रभावित करती है मन और नींद?
ठंड के महीनों में दिन छोटे होते हैं और धूप कम मिलती है, जिससे शरीर की आंतरिक घड़ी (सर्केडियन रिदम) बिगड़ जाती है। इससे नींद और जागने का समय प्रभावित होता है। साथ ही, ‘फील-गुड’ हार्मोन सेरोटोनिन का स्तर कम होने से उदासी और सुस्ती महसूस हो सकती है। हार्वर्ड और फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी की स्टडी के मुताबिक, सर्दियों में नींद की गुणवत्ता खराब होती है, जिसका असर मानसिक स्वास्थ्य और काम करने की क्षमता पर पड़ता है। धूप की कमी से मेलाटोनिन हार्मोन का संतुलन भी बिगड़ता है, जो नींद को नियंत्रित करता है। इससे कई लोगों को नींद न आने या दिनभर थकान की शिकायत होती है।
ला-नीना क्यों बढ़ाएगा ठंड?
ला-नीना एक प्राकृतिक जलवायु पैटर्न है, जिसमें प्रशांत महासागर का सतही तापमान ठंडा हो जाता है। इस साल इसके कारण उत्तर भारत में सामान्य से ज्यादा ठंड पड़ने की संभावना है। लंबे समय तक ठंड रहने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है।

ऊर्जा और स्वास्थ्य बनाए रखने के उपाय
- सुबह की धूप लें : रोजाना 20-30 मिनट सुबह की धूप में बैठें। इससे विटामिन-डी मिलेगा, जो हड्डियों को मजबूत करने के साथ-साथ मूड को बेहतर बनाता है।
- शारीरिक गतिविधि : ठंड में आलस छोड़कर हल्की स्ट्रेचिंग, योग या घर में व्यायाम करें। यह ऊर्जा बनाए रखने में मदद करता है।
- नियमित नींद : रोज एक निश्चित समय पर सोएं और उठें। इससे शरीर की जैविक घड़ी स्थिर रहेगी और नींद की गुणवत्ता सुधरेगी।
- पौष्टिक आहार : गर्म और पौष्टिक भोजन लें। विटामिन-सी और डी से भरपूर खाद्य पदार्थ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं और मूड को ठीक रखते हैं।
सावधानी जरूरी
ला-नीना के कारण इस बार सर्दी का असर ज्यादा हो सकता है। इन आसान उपायों को अपनाकर आप अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर रख सकते हैं।
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