Johar Live Desk : JSSC CGL परीक्षा के कथित पेपर लीक मामले में लंबे समय से फरार चल रहा मुख्य आरोपी विनय साह उर्फ हरिहर सिंह आखिरकार पुलिस के शिकंजे में आ गया। उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने उसे गुरुवार को गोरखपुर के शाहपुर थाना क्षेत्र की हनुमंत नगर कॉलोनी से गिरफ्तार किया।
विनय साह पूर्वोत्तर रेलवे में सेक्शन इंजीनियर के पद पर तैनात था और इसी सरकारी नौकरी का फायदा उठाकर लगातार अपनी लोकेशन बदलते हुए फरार चल रहा था। उसकी गिरफ्तारी के बाद रेलवे महकमे में भी खलबली मच गई है।
जनवरी 2025 में झारखंड क्राइम ब्रांच ने उसके खिलाफ बीएनएस की गंभीर धाराओं और प्रतियोगी परीक्षा अधिनियम 2023 के तहत मामला दर्ज किया था। फरारी के दौरान वह गोरखपुर में बार–बार ठिकाना बदलता रहा और अपनी पहचान छिपाने के लिए नेपाली सिम कार्ड का इस्तेमाल करता था।

सूत्रों के मुताबिक, झारखंड पुलिस की विशेष टीम ने यूपी एसटीएफ से मदद मांगी थी। एसटीएफ की टीम, सीओ धर्मेश शाही के नेतृत्व में, कई दिनों से उसकी गतिविधियों पर नजर रखे हुए थी। गुरुवार को सूचना मिली कि वह यांत्रिक कारखाना क्षेत्र में है, जिसके बाद टीम ने घेराबंदी कर उसे पकड़ लिया।
शुरुआत में विनय ने अपनी पहचान छिपाने की कोशिश की, लेकिन रांची क्राइम ब्रांच से पुष्टि के बाद वह कटघरे में खड़ा हो गया। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि 22 सितंबर 2024 को आयोजित जेएसएससी सीजीएल परीक्षा का पेपर उसी ने अपने साथियों मनोज कुमार, शशिभूषण दीक्षित और संदीप त्रिपाठी के साथ मिलकर लीक कराया था।
यह पूरा प्लान रांची के जे स्क्योर होटल में तैयार किया गया था। आरोप है कि परीक्षा से पहले अभ्यर्थियों को नेपाल ले जाकर सवाल रटवाए गए और मनोज ने इसके बदले विनय के खाते में एक लाख रुपये भेजे थे।
गिरफ्तारी के समय उसके पास से एक नेपाली और एक भारतीय सिम कार्ड जब्त किया गया। एसटीएफ ने उसे शाहपुर थाने के हवाले कर दिया है। अब झारखंड पुलिस ट्रांजिट रिमांड लेकर उसे रांची लाएगी, जहां उससे आगे की पूछताछ होगी।
गिरफ्तार विनय साह मूल रूप से रांची का रहने वाला है और गोरखपुर में हनुमंत नगर कॉलोनी के एक मकान में अपनी पहचान छिपाकर रह रहा था।

