New Delhi : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) एक बार फिर छात्र विरोध प्रदर्शन की वजह से चर्चा में है। फीस बढ़ोतरी के विरोध में सैकड़ों छात्र कन्वेंशन सेंटर के बाहर जमा हो गए, जिससे प्रशासन को इंटर हॉस्टल एडमिनिस्ट्रेशन (IHA) की बैठक स्थगित करनी पड़ी।
छात्रों का आरोप है कि जेएनयू प्रशासन बिना पारदर्शिता के “बैकडोर” से हॉस्टल फीस बढ़ाने की कोशिश कर रहा था। JNUSU (जेएनयू छात्र संघ) ने कहा कि प्रशासन ने IHA मैनुअल का उल्लंघन करते हुए बैठक का नोटिस समय पर नहीं दिया। नियमों के अनुसार मीटिंग का नोटिस 10 दिन पहले जारी होना चाहिए, लेकिन मंगलवार सुबह 10 बजे जानकारी दी गई, जबकि बैठक दोपहर 3 बजे के लिए तय थी।
छात्र संघ के मुताबिक, बैठक के एजेंडे में मेस सिक्योरिटी डिपॉजिट, गेस्ट रूम चार्ज, फूड कूपन, फाइन और अन्य हॉस्टल शुल्क में बढ़ोतरी के प्रस्ताव शामिल थे। इसे उन्होंने “चुपचाप फीस बढ़ाने की साजिश” करार दिया।

इसके अलावा JNUSU ने आरोप लगाया कि प्रशासन “डिजिटल मेस कार्ड” के जरिए छात्रों की निगरानी प्रणाली लागू करना चाहता है। छात्र प्रतिनिधियों को पूरी जानकारी न देकर उनकी भूमिका को कमजोर किया जा रहा है।
भारी संख्या में छात्रों के विरोध को देखते हुए प्रशासन को अंततः IHA बैठक रद्द करनी पड़ी। छात्र संघ ने इसे छात्र एकता की जीत बताया और कहा कि एक बार फिर फीस बढ़ोतरी की कोशिश नाकाम हो गई।
JNUSU ने छात्रों से सतर्क रहने की अपील की और याद दिलाया कि 2019 में भी फीस बढ़ोतरी के खिलाफ बड़ा आंदोलन हुआ था, जिसका मामला अब भी दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित है।