New Delhi : ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना पक्ष मजबूती से रखने के लिए भेजे गए सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने एक खास मिसाल पेश की है. इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल JMM के राज्यसभा सांसद सरफराज अहमद ने पनामा सिटी में स्थित एक हिंदू मंदिर में अपने साथी सांसदों के साथ पहुंचकर पूजा-अर्चना में हिस्सा लिया. उनके इस कदम की हर ओर प्रशंसा हो रही है. कांग्रेस सांसद शशि थरूर, जो इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं, ने सोशल मीडिया पर मंदिर यात्रा की तस्वीरें साझा करते हुए सरफराज अहमद की खुले दिल से तारीफ की.
The multi-party MPs’ delegation visited the Indian Cultural Centre in Panama City and offered devotions at the beautiful temple there. It was moving to see our Muslim colleague Sarfraz Ahmed join his Hindu and Sikh colleagues at the temple. As he later told the audience, “jab… pic.twitter.com/7sPcB6uSCD
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) May 28, 2025
थरूर ने लिखा, “सभी दलों के सांसदों ने पनामा सिटी में भारतीय सांस्कृतिक केंद्र और मंदिर का दौरा किया. हमारे मुस्लिम साथी सरफराज अहमद को मंदिर में अपने हिन्दू और सिख साथियों के साथ पूजा में शामिल होते देखना एक भावुक क्षण था.” थरूर ने सरफराज के उस बयान को भी उद्धृत किया जो उन्होंने वहां मौजूद लोगों के सवाल के जवाब में दिया था – “जब बुलाने वालों को ऐतराज नहीं, तो जाने वालों को ऐतराज क्यों होगा?”
कौन हैं सरफराज अहमद?
सरफराज अहमद एक अनुभवी राजनेता हैं जिन्होंने भारत के चारों सदनों (बिहार विधान परिषद, झारखंड विधानसभा, लोकसभा और अब राज्यसभा) में प्रतिनिधित्व किया है. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1980 में कांग्रेस के टिकट पर गांडेय विधानसभा सीट से की थी. 1984 में वे गिरिडीह लोकसभा सीट से सांसद बने. बाद में वे झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो गए और 2019 में एक बार फिर विधायक चुने गए. 2024 में वे JMM के राज्यसभा उम्मीदवार बने और निर्विरोध निर्वाचित हुए.
पनामा मंदिर में सरफराज अहमद की उपस्थिति केवल एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि भारत की गंगा-जमुनी तहज़ीब और साझा सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक बन गई है.
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