झारखंड: झारखंड में 10वीं बोर्ड परीक्षा के परिणाम घोषित हो चुके हैं, लेकिन 11वीं कक्षा में नामांकन को लेकर कॉलेजों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। राज्य के कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई जारी रहेगी या नहीं, इसे लेकर अब तक झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) की ओर से कोई स्पष्ट निर्देश नहीं जारी किया गया है। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि जब तक जैक की तरफ से आदेश नहीं मिलेगा, वे दाखिला प्रक्रिया शुरू नहीं करेंगे।
कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई को लेकर यह असमंजस छात्रों और अभिभावकों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। बहुत से छात्र अपने पसंदीदा कॉलेज और स्ट्रीम में नामांकन के लिए इंतजार कर रहे हैं। जमशेदपुर सहित राज्यभर के कॉलेजों में इंटर की करीब आठ हजार से अधिक सीटें हैं, और हर साल लगभग 40 प्रतिशत छात्र यहीं नामांकन लेते हैं। लेकिन अगर जैक की ओर से अनुमति नहीं मिली तो इन छात्रों के लिए दाखिला लेना मुश्किल हो जाएगा, क्योंकि प्लस टू स्कूलों की संख्या शहरों में काफी कम है।
इस स्थिति की जड़ पिछले साल जैक द्वारा जारी एक आदेश है, जिसमें कहा गया था कि कॉलेजों में संचालित इंटर सेक्शन को धीरे-धीरे खत्म किया जाएगा। इसके तहत सीटों में कटौती करते हुए एक साल की अस्थायी अनुमति दी गई थी। हालांकि बाद में रांची विश्वविद्यालय ने इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की और फैसला विश्वविद्यालय के पक्ष में आया। इसके बाद कोल्हान विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में स्थिति और भी अस्पष्ट हो गई।
कोल्हान विश्वविद्यालय का कहना है कि उन्हें सरकार की ओर से इंटर की पढ़ाई बंद करने को लेकर इस साल कोई भी आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। ऐसे में विवि की ओर से कॉलेजों को नामांकन रोकने से संबंधित कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है। इसके बावजूद कॉलेज प्रशासन जैक के आधिकारिक निर्देशों का इंतजार कर रहा है।
जमशेदपुर के प्रमुख कॉलेजों में इंटरमीडिएट की सीटें पूर्ववत तय हैं। वीमेंस यूनिवर्सिटी, को-ऑपरेटिव कॉलेज, ग्रेजुएट कॉलेज, वर्कर्स कॉलेज और एलबीएसएम कॉलेज में प्रत्येक संकाय में 384 सीटें हैं। एबीएम कॉलेज में आईएससी की सीटें इस बार शून्य रखी गई हैं। अंगीभूत कॉलेजों में प्रत्येक संकाय में 384, डिग्री से सम्बद्ध कॉलेजों में 256, स्थायी प्रस्वीकृत इंटर कॉलेजों में 384 और स्थापना स्वीकृति प्राप्त कॉलेजों में 128 सीटें निर्धारित की गई हैं।
कॉलेजों के प्राचार्यों का कहना है कि छात्रों का दबाव लगातार बढ़ रहा है, लेकिन जब तक शिक्षा विभाग या जैक से कोई स्पष्ट आदेश नहीं मिलेगा, वे नामांकन शुरू नहीं करेंगे। फिलहाल छात्र और अभिभावक जैक की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं, ताकि शैक्षणिक सत्र में किसी प्रकार की बाधा न आए।